नई दिल्ली: नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) 232 दिन नजरबंद रहने के बाद मंगलवार यानि आज रिहा कर दिए गए. अब्दुल्ला के उपर पीएसए के तहत लोगों को भड़काने का आरोप लगाया गया था. नजरबंदी से रिहा होने के बाद उमर अब्दुल्ला ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा, 'मुझे इसका अहसास है हम एक बहुत बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं हम जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे हैं. हम पैगाम सबको दे रहे हैं कि हमें सामाजिक दूरी रखनी चाहिए, लेकिन हम क्या सबक दें लोगों को जब हम खुद उस पर काम करने के लिए तैयार नहीं हैं.'
इसके अलावा उन्होंने आगे कहा कि, 'जो लोग आज भी हिरासत में हैं वो महबूबा मुफ्ती हों या मेरे नेशलन कांफ्रेंस के लोग हों या किसी के भी हों. इस मुश्किल हालात में कम से कम उनको अपने रिश्तेदारों को लौटा दीजिए और जो हमारा 3जी, 4जी है वो हमें लौटा दीजिए.'
नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला: जो लोग आज भी हिरासत में हैं वो महबूबा मुफ्ती हों या मेरे नेशलन कांफ्रेंस के लोग हों या किसी के भी हों। इस मुश्किल हालात में कम से कम उनको अपने रिश्तेदारों को लौटा दीजिए और जो हमारा 3जी, 4जी है वो हमें लौटा दीजिए। https://t.co/VGjxuP4w4v
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 24, 2020
बता दें कि जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पांच अगस्त को उमर अब्दुल्ला को हिरासत में ले लिया गया था. इस दौरान उनके पिता फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) और और महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) को भी हिरासत में लिया गया था.
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उमर अब्दुल्ला के पिता और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) को 13 मार्च को रिहा किया गया था. उमर अब्दुल्ला पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट भी लगा था. उमर पर आरोप था कि उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए लोगों को भड़काने का काम किया था. इस मामले में उमर की बहन सारा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
इस दौरान उनकी बहन सारा अब्दुल्ला (Sara Abdullah) ने अपनी याचिका में दावा किया था कि अब्दुल्ला के आधिकारिक फेसबुक अकाउंट से कोई पोस्ट नहीं किया गया है. सारा अब्दुल्ला ने कहा कि उमर अब्दुल्ला के खिलाफ इस्तेमाल की गई एकमात्र सामग्री उनके सोशल मीडिया पोस्ट हैं. जिन पोस्ट पर भरोसा किया गया है उनका अस्तित्व ही नहीं है और गलत और दुर्भावनापूर्ण तरीके से इसे उनका बताया गया है.