कश्मीर को मिली धारा-370 से मुक्ति, बीजेपी को इन राज्यों में मिल सकता हैं इसका सियासी फायदा
जम्मू और कश्मीर को करीब 70 साल बाद धारा-370 से मुक्ति मिल गई. मोदी सरकार ने सोमवार को राज्य को मिला विशेष दर्जा खत्म करने का बड़ा फैसला लिया. इस अनुच्छेद को समाप्त करने के संकल्प को राज्यसभा में मंजूरी मिल चुकी है और आज लोकसभा में भी इसके पारित होने की पूरी उम्मीद है.
नई दिल्ली: जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) को करीब 70 साल बाद धारा-370 से मुक्ति मिल गई. मोदी सरकार ने सोमवार को राज्य को मिला विशेष दर्जा खत्म करने का बड़ा फैसला लिया. इस अनुच्छेद को समाप्त करने के संकल्प को राज्यसभा (Rajya Sabha) में मंजूरी मिल चुकी है और आज लोकसभा (Lok Sabha) में भी इसके पारित होने की पूरी उम्मीद है. उधर, पाकिस्तान (Pakistan) भारत के इस कदम से बौखला गया है. पाकिस्तान ने अवैध कार्रवाई करारा देते हुए अंतर्राष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कई प्रस्तावों का उल्लंघन बताया और सिरे से खारिज कर दिया.
लोकसभा चुनाव में जबरदस्त जीत के बाद से ही बीजेपी आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों में जुटी हुई है. बीजेपी ने अपने कई शीर्ष नेताओं को महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड और दिल्ली में अधिक से अधिक विधानसभा सीटों पर चुनाव प्रचार का मोर्चा संभालने को कहा है. और जल्द ही इन राज्यों में सत्ता स्थापित करने के लिए जल्द ही अलग-अलग अभियान की शुरुआत की जाने की उम्मीद है.
ऐसे में मोदी सरकार का जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन करने का और धारा-370 निरस्त करने का फैसला काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. दरअसल यह मांग लंबे समय से चलती आ रही थी और बीजेपी ने भी कई बार अपनी मंशा जाहिर की थी.
यह भी पढ़ें- कश्मीर से धारा-370 खत्म होने के बाद अब पाकिस्तान में उठी बंटवारें की मांग
मोदी सरकार ने सोमवार (5 अगस्त) को ऐतिहासिक फैसला लेते हुए संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया, जो जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करता था. इसके साथ अब जम्मू एवं कश्मीर राज्य न रहकर दो केंद्र शासित प्रदेशों में बंट जाएगा, जिसमें से एक जम्मू एवं कश्मीर और दूसरा लद्दाख होगा. जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा होगी, लेकिन लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी.