भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में कृषि और आईटी को बढ़ावा देने के लिए इजराइल देगा तकनीक
भारत में इजरायल के राजदूत रॉन मलका, जो अब देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं, वह पूर्वोत्तर राज्यों में कृषि और बागवानी क्षेत्रों के साथ-साथ सूचना एवं प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए अपने देश की प्रौद्योगिकियों का विस्तार करने के इच्छुक हैं. इजरायल जल्द ही किसानों के लिए जरूर के मुताबिक बने कार्यक्रम के लिए अपने विशेषज्ञों को मेघालय भेजेगा.
अगरतला/शिलांग/गुवाहाटी, 5 नवंबर: भारत में इजरायल के राजदूत रॉन मलका (Ron Malaka), जो अब देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं, वह पूर्वोत्तर राज्यों में कृषि और बागवानी क्षेत्रों के साथ-साथ सूचना एवं प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए अपने देश की प्रौद्योगिकियों का विस्तार करने के इच्छुक हैं. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. असम और मेघालय का दौरा करने के बाद इजरायल के राजदूत अपनी पत्नी ली मलका और एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बुधवार को अगरतला पहुंचे. उन्होंने यहां त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब (Biplab Kumar Deb) और मुख्य सचिव मनु कुमार के नेतृत्व में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अलग-अलग बैठक की.
त्रिपुरा सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि बैठक के दौरान राज्य के अधिकारियों ने प्रदेश के कृषि और बागवानी क्षेत्रों के विभिन्न संभावित पहलुओं से अवगत कराया और राजदूत ने कृषि क्षेत्रों के विकास के प्रति गहरी रुचि दिखाई. अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "त्रिपुरा की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान रॉन मलका और उनका प्रतिनिधिमंडल भारत-बांग्लादेश सीमावर्ती क्षेत्रों, एक कृषि फार्म, कुछ पर्यटन स्थलों और एक संग्रहालय का दौरा करेगा." मेघालय में इजराइल के सहयोग से राज्य सरकार ने नवीनतम प्रौद्योगिकी का उपयोग करने वाले किसानों की आय को बढ़ावा देने के लिए भारत और इजरायल के बीच एक परियोजना के हिस्से के रूप में उत्कृष्टता के दो केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है.
इजरायल के राजदूत के साथ मुख्यमंत्री कॉनराड के. संगमा ने मंगलवार शाम शिलांग में मीडिया को बताया कि मेघालय सरकार ने दो जिलों - पूर्व खासी हिल्स और पूर्व गारो हिल्स में उत्कृष्टता (एक्सीलेंस) के दो केंद्र स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार और इजरायल का समर्थन मांगा है. इनमें से प्रत्येक केंद्र पर 10 करोड़ रुपये की लागत आएगी. मुख्यमंत्री ने कहा, "हमने केंद्र के सामने दो उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना का प्रस्ताव दिया था - पूर्वी खासी हिल्स में सब्जियों के लिए और पूर्वी गारो हिल्स में खट्टे फलों के लिए." राजदूत ने कहा कि प्रस्तावित केंद्र किसानों की आय को दोगुना करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप होंगे.
इजरायल के सहयोग से भारत किसानों को उनकी उत्पादकता बढ़ाने और उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से प्रौद्योगिकी के त्वरित हस्तांतरण के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने जैसी कृषि परियोजनाएं लागू कर रहा है. संगमा ने कहा, "इजरायल सरकार के साथ साझेदारी मेघालय और उसके किसानों के लिए एक 'गेमचेंजर' साबित होगी." उन्होंने कहा कि तकनीक हमेशा कृषि और बागवानी के विकास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. मलका ने कहा कि इजरायल जल्द ही किसानों के लिए जरूर के मुताबिक बने (टेलर मेड) कार्यक्रम के लिए अपने विशेषज्ञों को मेघालय भेजेगा.
उन्होंने कहा, "भारत के साथ इजरायल का संबंध तेजी से और आगे बढ़ रहा है. हम पूर्वोत्तर भारत के लिए एक सीधी उड़ान शुरू करने पर विचार कर रहे हैं, क्योंकि हम संसाधनयुक्त क्षेत्र में इजरायल की उपस्थिति का विस्तार करना चाहते हैं." त्रिपुरा आने से पहले मलका ने बुधवार को गुवाहाटी में लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे के पास 100 एकड़ की टेक सिटी (प्रौद्योगिकी शहर) का दौरा किया, जो कि निर्माणाधीन है.