पश्चिम बंगाल में भाजपा के दो नेताओं के बीच अंदरूनी कलह चरम पर
बीजेपी (Photo Credits: PTI)

कोलकाता, 7 नवंबर: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में भाजपा के दो नेताओं के बीच आंतरिक कलह उस समय चरम पर पहुंच गया, जब पार्टी के अखिल भारतीय राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष (Dilip Ghosh) ने पार्टी के दिग्गज और त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल तथागत रॉय से कहा कि अगर वह नेतृत्व से खुश नहीं हैं तो चले जाएं. घोष ने यह टिप्पणी ऐसे समय की है, जब रॉय ने भाजपा नेतृत्व पर विशेष रूप से घोष, बंगाल के पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय और केंद्रीय नेता शिव प्रकाश और केंद्रीय सह-पर्यवेक्षक अरविंद मेनन पर हाल के विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार के बाद से चारों को निशाना बनाया और उन्हें हार के लिए जिम्मेदार ठहराया. रविवार को नई दिल्ली में होगी भाजपा कार्यकारिणी की बैठक, 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव पर होगी विशेष चर्चा

पिछले छह महीनों के लिए विभिन्न सामाजिक प्लेटफार्मों पर रॉय के तीखे हमलों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, घोष ने कहा, "और कितने दिन आप शमिंर्दा रहेंगे? पार्टी छोड़ दो? पार्टी में कुछ लोग हैं जिन्होंने कुछ नहीं किया है, लेकिन पार्टी ने उन्हें बहुत कुछ एक दिया है. ये लोग पार्टी को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं. यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात है."हालांकि, अडिग, रॉय ने कहा, "अगर मैं कुछ कहूं तो दिलीप घोष समझ नहीं पाएंगे. यह अशिक्षित लोगों के साथ समस्या है. मैं कुछ नहीं कहूंगा क्योंकि यह किसी काम का नहीं होगा. इसलिए, मैं अपना मुंह बंद रखना पसंद करता हूं.

उस व्यक्ति को उत्तर देने का कोई मतलब नहीं है जो मेरी बात का अर्थ समझ सके." हालांकि राज्य नेतृत्व ने इस विवाद में दोनों नेताओं से बराबर दूरी बनाए रखने का फैसला किया. मीडिया से बात करते हुए, राज्य भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, "दोनों वरिष्ठ नेता हैं और अपनी जिम्मेदारियों को अच्छी तरह से जानते हैं. इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देना सही नहीं है. केंद्रीय नेतृत्व घटनाक्रम पर नजर रख रहा है और वे ेउचित समय पर अपना निर्णय लेंगे."

भाजपा के वरिष्ठ नेता शमिक बनर्जी ने कहा, "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और यह कुछ समय से चल रहा है. मैं टिप्पणी करने के लिए सही व्यक्ति नहीं हूं. केंद्रीय नेतृत्व उचित समय पर कहेगा."इस बीच, भाजपा नेता और अभिनेता से राजनेता बने जॉय बनर्जी ने पार्टी छोड़ने का फैसला किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में बनर्जी ने आरोप लगाया कि उन्हें भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति से हटा दिया गया है और उनकी केंद्रीय सुरक्षा भी हटा ली गई है.