PM Modi Interacts with Fitness Influencers: फिट इंडिया मूवमेंट (Fit India Movement) के अंतर्गत फिट इंडिया डॉयलॉग में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के साथ संवाद किया. कोहली ने कहा कि जो लोग शारीरिक और मानसिक रूप से फिट नहीं रहते हैं, उनके स्किल भी समय पर काम नहीं आते हैं. वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आयोजित इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने जब विराट कोहली से उनकी फिटनेस के राज़ पूछे तो विराट ने कहा कि जो लोग फिटनेस के लिए प्रयास करते हैं, उनको निश्चित तौर पर इसके लाभ मिलते हैं. एक समय के बाद हमारे खेल में डिमांड बहुत तेजी से बदलीं. और मुझे यह अनुभव हुआ कि जो हमारा एक रुटीन बन चुका था, वो हमारे खेल की डिमांड के लिए सही नहीं था, उसे बदलना जरूरी था.
हमारे स्किल में कोई प्रॉब्लम नहीं थी, फिटनेस की दिशा में हम पीछे छूट जा रहे थे. मुझे एक समय पर स्वयं महसूस हुआ कि फिटनेस हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए. कोहली ने बताया, "मैंने खेल को अच्छा करने के लिए फिटनेस पर ध्यान देना शुरू किया. आज प्रेक्टिस सेशन छूट जाए तो इतना बुरा नहीं लगता है, जितना फिटनेस सेशन छूट जाने से लगता है. आज की लाइफ बहुत व्यस्ततम हो गई है. अगर हम अपनी फिटनेस पर ध्यान नहीं देंगे, तो पीछे छूटते जाएंगे. केवल स्किल से काम नहीं चलता. अगर हमारा दिमाग जो सोच रहा है, उसे अगर शरीर नहीं कर पाये तो सफल नहीं हो सकते हैं."
खाने पर कोहली ने कहा कि खाने के बीच में समय देना चाहिए. हम भोजन के बाद थोड़ा-थोड़ा खाते रहते हैं, जिससे अंदर के सिस्टम को समय नहीं मिलता है. प्रधानमंत्री ने पूछा कि योयो टेस्ट क्या होता है? इस पर कोहली ने कहा कि हमारी टीम का फिटनेस लेवल बाकी देशों की टीमों की तुलना में कम है. टी20, वनडे एक दिन में खत्म हो जाते हैं. लेकिन टैस्ट मैच पांच दिन खेलना होता है. उसके लिए यह टेस्ट बहुत जरूरी है.
और अगर मैं भी इस टेस्ट में फेल हो जाता हूं तो बाहर बैठ जाता हूं. यह सिस्टम और कल्चर सेट करना जरूरी होता है. एक समय आता है जब शरीर थक जाता है, और तब टीम को हमारी जरूरत होती है, और तब प्रदर्शन नहीं कर पाने पर हम हार जाते हैं. अब जो हम नया सिस्टम फॉलो कर रहे हैं, वो अपनी फिटनेस को उच्च स्तर का बनाये रखने के लिए कर रहे हैं.