इंटरनेशनल कोर्ट से कुलभूषण जाधव की सजा रद्द करने का आदेश देने की मांग करेगा भारत

भारत संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत से सोमवार को कथित भारतीय जासूस की मौत की सजा को रद्द करने का पाकिस्तान को आदेश देने का अनुरोध करेगा.

कुलभूषण जाधव (Photo Credits: PTI)

भारत संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत से सोमवार को कथित भारतीय जासूस की मौत की सजा को रद्द करने का पाकिस्तान को आदेश देने का अनुरोध करेगा. इससे जम्मू कश्मीर में सुरक्षाकर्मियों पर हुए घातक हमले के बाद दोनों देशों के बीच फिर से तनाव बढ़ सकता है. कुलभूषण सुधीर जाधव को मार्च 2016 में पाकिस्तन के अशांत प्रांत बलूचिस्तान से जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और उन्हें एक सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी.

अंतर्राष्ट्रीय अदालत ने 2017 में जाधव की मौत की सजा की तालीम पर तत्काल रोक का आदेश दिया था. तब से इस अहम भारतीय मामले की सुनवाई लंबित है. जम्मू कश्मीर में गुरुवार को एक फिदायीन हमले के बाद अंतर्राष्ट्रीय अदालत में दो परमाणु हथियारों से लैस प्रतिद्वंद्वियों के बीच यह टकराव का एक और मसला हो सकता है. इस हमले में 40 जवानों की जान गई है. भारत के वकील सोमवार को अपनी दलीलें देंगे. जिसके बाद मंगलवार को पाकिस्तान अपना पक्ष रखेगा. दूसरे विश्व युद्ध के बाद अंतर्राष्ट्रीय विवादों को सुलझाने के मकसद से अंतर्राष्ट्रीय अदालत की स्थापना की गई थी.

जाधव भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी हैं. उन पर पाकिस्तान में अफगानिस्तान से लगते सूबे में भारतीय खुफिया एजेंसी के लिए काम करने का आरोप है. पाकिस्तान लंबे अरसे से भारत पर बलूचिस्तान के अलगाववादी बागियों को समर्थन देने का आरोप लगाता है. बंद कमरे में सुनवाई के बाद पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने ‘जासूसी, विध्वंसकारी गतिविधियों और आतंकवाद’ के आरोप में 10 अप्रैल 2017 को जाधव को मौत की सजा सुनाई थी.

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भारत का कहना है कि जाधव जासूस नहीं हैं और उन्हें पाकिस्तान में अगवा किया गया है. भारत के अदालती दस्तावेज कहते हैं कि अंतर्राष्ट्रीय अदालत इस्लामाबाद को जाधव की सजा रद्द करने का आदेश दे. भारत ने जाधव को राजनयिक सम्पर्क की सुविधा नहीं देकर पाकिस्तान पर वियना संधि का उल्लंघन करने और उनके मानवाधिकारों का हनन करने का आरोप लगाया है.

भारत ने कहा है कि अगर पाकिस्तान जाधव की मौत की सजा रद्द नहीं करता है तो इस्लामाबाद को अंतर्राष्ट्रीय कानून और संधियों का उल्लंघन करने वाला करार देना चाहिए और भारतीय नागरिक को तुरंत रिहा करने का आदेश देना चाहिए.

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