लोकसभा चुनाव 2019: जया प्रदा पर अभद्र टिप्पणी के बाद आजम खान की सफाई, अगर दोषी साबित हुआ तो चुनाव नहीं लडूंगा
अपने बयान पर सफाई देते हुए आजम खान ने कहा कि मैंने अपने बयान में किसी का नाम नहीं लिया है. मुझे पता है कि मुझे क्या कहना चाहिए. अगर कोई साबित कर सकता है कि मैंने किसी का नाम कहीं भी लिया है और किसी का अपमान किया है, तो मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा.
बीजेपी प्रत्याशी जया प्रदा (Jaya Prada) पर अभद्र टिप्पणी कर घिरे समाजवादी पार्टी (SP) के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान (Azam Khan) अब अपने बयान से पलट गए है. अपने बयान पर सफाई देते हुए आजम खान ने कहा कि मैंने अपने बयान में किसी का नाम नहीं लिया है. मुझे पता है कि मुझे क्या कहना चाहिए. अगर कोई साबित कर सकता है कि मैंने किसी का नाम कहीं भी लिया है और किसी का अपमान किया है, तो मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा.
आजम खान का कहना है कि रैली के दौरान उनके निशाने पर जया प्रदा नहीं बल्कि कोई और था. आजम खान ने सोमवार को स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि उन्होंने बीजेपी नेता और पूर्व फिल्म अभिनेत्री जया प्रदा पर कोई आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं की है.
बता दें कि रविवार को आजम खान ने कथित तौर पर जया प्रदा का नाम लिए बिना उन पर बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की. रामपुर में आजम खान ने कहा था, 'जिसको हम उंगली पकड़कर रामपुर लाए, आपने 10 साल जिनसे प्रतिनिधित्व कराया. उसकी असलियत समझने में आपको 17 साल लगे, मैं 17 दिन में पहचान गया कि इनका अंडरवियर खाकी रंग का है. बता दें कि जया प्रदा रामपुर में आजम खान के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं.
आजम खान के इस बयान को बीजेपी प्रत्याशी जया प्रदा से जोड़ा गया था. इस बयान को गंभीरता से लेते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग ने आजम खान को नोटिस भेजने का फैसला किया है. माना जा रहा है कि यह नोटिस आज यानी सोमवार को भेजा जा सकता है. नोटिस से पहले ही आजम ने अपने बयान पर सफाई दे दी है.
अपने बयान पर सफाई देते हुए आजम खान ने कहा कि मैं दिल्ली के एक व्यक्ति का जिक्र कर रहा था जो अस्वस्थ है, जिसने कहा था, मैं 150 राइफलें लेकर आया था और अगर मैंने आजम को देखा होता तो मैं उसे गोली मार देता. उसके बारे में बात करते हुए, मैंने कहा, 'लोगों को जानने में काफी समय लगा और बाद में पता चला कि वह आरएसएस शॉर्ट्स पहने हुए था'
मैं जनसभा में मौजूद सभी लोगों से सवाल करता हूं कि क्या राजनीति इतनी गिर जाएगी कि 10 बरस जिसने रामपुर वालों का खून पीया, जिसे उंगली पकड़कर हम रामपुर में लेकर आए. जिसका हमने पूरा ख्याल रखा. उसने हमारे ऊपर क्या-क्या आरोप नहीं लगाए.'