हरियाणा की योजनाएं अंत्योदय सिद्धांतों से निर्देशित : CM Manohar Lal Khattar
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती को 'समर्पण दिवस' के रूप में मनाते हुए कहा कि आम आदमी के कल्याण के लिए बनाई गई हर योजना के कार्यान्वयन के लिए राज्य की रणनीति है. अंत्योदय के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित है, जिसका अर्थ है पहले अंतिम व्यक्ति की सेवा करना और उसका उत्थान करना है.
चंडीगढ़, 25 सितम्बर: हरियाणा (Haryana) के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने शनिवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय (Pandit Deendayal Upadhyay) की जयंती को 'समर्पण दिवस' के रूप में मनाते हुए कहा कि आम आदमी के कल्याण के लिए बनाई गई हर योजना के कार्यान्वयन के लिए राज्य की रणनीति है. अंत्योदय के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित है, जिसका अर्थ है पहले अंतिम व्यक्ति की सेवा करना और उसका उत्थान करना है. खट्टर ने यहां मीडिया से कहा, "मैंने हमेशा माना है कि किसी भी राज्य की वृद्धि और आर्थिक प्रगति को कभी भी उन लोगों के माध्यम से नहीं मापा जा सकता है जो सीढ़ी के शीर्ष पर हैं, बल्कि इसे केवल तभी मापा जा सकता है जब यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी कल्याणकारी योजनाएं का पिरामिड के नीचे के लोगों को इसका लाभ मिल रहा है. "
उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि शासन और सेवाओं के वितरण में सुधार किया जाए और इसके लिए राज्य सरकार द्वारा कई क्रांतिकारी कदम उठाए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि पंडित दीनदयाल ने हमेशा एकात्म मानववाद के दर्शन और 'अंत्योदय' की अवधारणा का उपदेश दिया, जो किसी भी लोक कल्याण नीति को बनाने से पहले हमेशा राज्य के प्रमुख सिद्धांत रहे हैं. यह भी पढ़े: PM Modi Launches Ayushman Bharat Digital Mission: देश के नागरिकों का होगा अपना अलग हेल्थ अकाउंट, एक क्लीन में मिलेगा इलाज का पूरा रिकॉर्ड
"इस प्रतिबद्धता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए नारे में देखा जा सकता है, जो 'सब का साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' कहता है और अब इसमें उन्होंने 'सबका प्रयास' भी जोड़ा है जो उत्थान की दिशा में समाज के अन्य वर्गों के साथ-साथ गरीब समर्थक और किसान समर्थक सरकार की प्राथमिकता पर प्रकाश डालता है. उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल की जयंती के साथ-साथ आज पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल की भी जयंती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति के उत्थान के लिए 'अंत्योदय दर्शन' प्रदान किया था, इसी तरह चौधरी देवीलाल ने वृद्धा पेंशन और खानाबदोश जातियों के बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित करने के लिए उन्हें प्रतिदिन एक रुपये की छात्रवृत्ति देने जैसी प्रभावी योजनाएं शुरू की थीं.