हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019: पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल की पीढ़ियां 'डूबता जहाज' बचाने की कोशिश में

पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल की तीसरी और चौथी पीढ़ी के सामने हरियाणा में कभी मजबूत क्षेत्रीय दल रहे और अब 'डूबता जहाज' इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) को विधानसभा चुनाव में बचाने की लड़ाई है. चुनाव में चौटाला वंश के अभय सिंह, दुष्यंत, नैना और आदित्य देवीलाल हैं.

(Photo Credits-IANS)

पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल (Chaudhary Devi Lal) की तीसरी और चौथी पीढ़ी के सामने हरियाणा (Haryana) में कभी मजबूत क्षेत्रीय दल रहे और अब 'डूबता जहाज' इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) को विधानसभा चुनाव में बचाने की लड़ाई है. चुनाव में चौटाला वंश के अभय सिंह, दुष्यंत, नैना और आदित्य देवीलाल हैं. दिवंगत देवीलाल के परपोते दुष्यंत चौटाला अपनी नवगठित जननायक जनता पार्टी (JJP) के अस्तित्व को बचाने के लिए लड़ रहे हैं. जेजेपी इनेलो से अलग होकर बनी है. उनकी पार्टी राज्य की सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है और दुष्यंत खुद जींद जिले की उचाना कलां सीट से उम्मीदवार हैं. वहीं उनके विरोधी चाचा और देवीलाल के पोते अभय सिंह चौटाला सिरसा के इलेनाबाद से उम्मीदवार हैं.

दुष्यंत की मां और विधायक नैना चौटाला जेजेपी से भिवाड़ी जिला की बधरा सीट से चुनाव लड़ रही हैं. वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने देवीलाल के पोते आदित्य देवीलाल को सिरसा जिले के दाबवली सीट से उम्मीदवार बनाया है. कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक दुष्यंत पार्टी और चौटाला परिवार में विवाद होने के बाद पिछले साल दिसंबर में इनेलो से अलग हो गए थे. पूर्व सांसद और दुष्यंत के पिता अजय चौटाला, इनेलो अध्यक्ष ओम प्रकाश चौटाला के बड़े बेटे हैं. ओम प्रकाश चार बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं.

साल 2000 से 2004 तक राज्य की सत्ता में रहा इनेलो अजय और अभय चौटाला में मतभेदों के बाद बंट गई, जिसमें ओम प्रकाश छोटे बेटे के साथ रहे. इनेलो का गठबंधन उसके सबसे पुराने सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) से है. पड़ोसी राज्य पंजाब में भाजपा और शिअद का गठबंधन है। लेकिन हरियाणा में शिअद इनेलो के समर्थन से तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है. यहां तक कि शिअद नेता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल भी यहां चुनाव प्रचार में आएंगे.

साल 1996 में रोहतक लोकसभा क्षेत्र से तत्कालीन उम्मीदवार रहे देवीलाल के साथ चुनाव प्रचार कर चुके दुष्यंत ने अपने संबोधनों में ना केवल भावनाओं का पत्ता फेंका है, बल्कि अपने विरोधी परिवारीजनों पर भी हमला किया है. दुष्यंत रोजगार देने का वादा कर युवाओंपर फोकस कर रहे हैं. चुनाव में इनेलो का वोट उसके संरक्षक ओम प्रकाश चौटाला पर निर्भर है, जो जमानत अवधि पूरी होने के बाद आठ अक्टूबर को फिर जेल चले गए. यह भी पढ़ें- हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019: खेमेबाजी में बंटी कांग्रेस और कमजोर INLD से बीजेपी को होगा फायदा, आसान होगी खट्टर की सत्ता में वापसी!

वह शिक्षक भर्ती घोटाले में 10 साल की सजा काट रहे हैं. ओम प्रकाश चौटाला ने रविवार को अंबाला के निकट एक जनसभा में कहा था, "हमने घोषणा की थी कि हम महिलाओं को 33 फीसदी सीटों पर उम्मीदवार बनाएंगे और हमने कांग्रेस और भाजपा की तुलना में अधिक महिलाओं को उम्मीदवार बनाया है." इनेलो को लगता है कि अन्य राजनीतिक दलों की तरह जेजेपी भी उसके लिए खतरा है.

पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आर.एस. चौधरी ने कहा कि जेजेपी एक बुलबुला है जो कभी भी फूट सकता है. इनेलो के 19 विधायकों में से चार जेजेपी में शामिल हो चुके हैं. राज्य में मतदान 21 अक्टूबर को और मतगणना 24 अक्टूबर को होगी, जिसमें देवीलाल की विरासत का भविष्य तय होगा.

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