हरियाणा विधानसभा चुनाव नतीजे 2019: भिवानी में बीजेपी ने पुराने चेहरों पर खेला दाव, कांग्रेस की तरफ से किरण चौधरी दे रही हैं टक्कर, जानें शुरूआती रुझान और नतीजे
भिवानी को पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल का गढ़ कहा जाता था. हालांकि पिछले चुनाव में बीजेपी जिले की चार में से तीन विधानसभा सीट जितने में कामयाब रही. भिवानी की राजनीति में जातीय समीकरण के मायने अधिक हैं.
हरियाणा के विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) में भिवानी जिला खास है. भिवानी जिले के अंतर्गत चार विधानसभा सीटें आती हैं. भिवानी को पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल का गढ़ कहा जाता था. हालांकि पिछले चुनाव में बीजेपी जिले की चार में से तीन विधानसभा सीट जितने में कामयाब रही. भिवानी की राजनीति में जातीय समीकरण के मायने अधिक हैं. जाट, ब्राह्मण और राजपूत वोटरों में यहां की सियासत पलटने की पूरी ताकत है. जिले में बीजेपी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर है. कांग्रेस के सामने पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की सीट बचाने की चुनौती है. अब देखना यह होगा कि कांग्रेस इसमें कामयाब हो पाती या पिछले बार की तरह बाजी बीजेपी के हाथों में आएगी.
भिवानी में बीजेपी ने चार में से तीन विधानसभा सीटों में पुराने चेहरों पर दाव खेला है. इस बार के चुनाव में जिले की चार विधानसभा सीटों के लिए 71 प्रत्याशी मैदान में उतरे हैं. हम आपको बताते हैं, भिवानी के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने इस बार क्या रणनीति तय की है...
भिवानी
हरियाणा की भिवानी विधानसभा सीट पर पिछले दो चुनाव से बीजेपी का कब्जा है. बीजेपी ने यहां से एक बार फिर दो बार से विजेता रहे घनश्याम दास सर्राफ को मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने यहां से किरण चौधरी के करीबी माने जाने वाले अमर सिंह को मौका दिया है. जन नायक जनता पार्टी ने डॉ. शिवशंकर भारद्वाज मैदान में हैं.
लोहारू
भिवानी जिले की लोहारू विधानसभा सीट पर इलेलो का दबदबा है. पिछले दो चुनावों से यहां इनेलो जीतती आई है. साल 2014 विधानसभा चुनाव में लोहारू सीट से इनेलो के ओम प्रकाश ने 40,693 वोट हासिल जीत दर्ज की थी. दूसरे नंबर बीजेपी रही थी. इस बार के चुनाव में बीजेपी से जेपी दलाल मैदान में हैं, कांग्रेस ने सोमबीर सिंह को मौका दिया है. सोमबीर चौधरी बंसीलाल के दामाद हैं. इनेलो से राजसिंह गागडवास मैदान में हैं. जबकि जेजेपी ने यहां से नए चेहरे अलका आर्य को मैदान में उतारा है.
बवानीखेड़ा
भिवानी जिले की बवानीखेड़ा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इस सीट पर फिलहाल बीजेपी का कब्जा है. बीजेपी ने इस चुनाव में यहां के मौजूदा विधायक बिशम्बर वाल्मीकि को फिर से मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने रामकिशन फौजी पर भरोसा जताया है. जेजेपी ने यहां से रामसिंह वैध को टिकट दिया है.
तोशाम
भिवानी जिले की तोशाम विधानसभा सीट काफी हाई प्रोफाइल मानी जाती है. यह सीट कांग्रेस का गढ़ है. कांग्रेस ने यहां से वर्तमान विधायक और चौधरी बंसीलाल की बहू किरण चौधरी को एक बार फिर मैदान में उतारा है. 2014 के विधानसभा चुनाव में किरण चौधरी ने 58,218 वोट हासिल किए थे और तीसरी बार विधायक चुनी गई थीं. बीजेपी ने यहां से शशि रंजन परमार को मौका दिया है. इनेलो ने कमला देवी पर दांव लगाया है.