West Bengal Assembly Elections 2021: बीजेपी के मिशन बंगाल को लग सकता है झटका, गोरखा जनमुक्ति मोर्चा देगी ममता बनर्जी का साथ
रोशन गिरी ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने उनके संगठन को धोखा दिया और 2009 से 2020 तक वे अपने किसी भी वादे पर खरे नहीं उतरे. उन्होंने कहा, हमने बीजेपी को हराने का फैसला किया है.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में 2021 में विधानसभा चुनाव के पहले बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (GJM) गुट के रोशन गिरि ने कहा कि उनका संगठन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) की तृणमूल कांग्रेस (TMC) के साथ गठबंधन करेगा और 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा का चुनाव बीजेपी के खिलाफ लड़ेगा. उन्होंने कहा, बीजेपी ने हमें धोखा दिया है, पार्टी ने अपना वादा पूरा नहीं किया. उन्होंने कहा कि बीजेपी के कारण गोरखाओं को 15 साल का नुकसान हुआ है, इसलिए अब वे बीजेपी का साथ नहीं देगे, और उनके खिलाफ लड़ेंगे.
बिमल गुरुंग (Bimal Gurun) की अध्यक्षता वाले गुट के महासचिव रोशन गिरी ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने उनके संगठन को धोखा दिया और 2009 से 2020 तक वे अपने किसी भी वादे पर खरे नहीं उतरे. उन्होंने कहा, हमने बीजेपी को हराने का फैसला किया है, जिसने हमें धोखा दिया है. उन्होंने कहा, बीजेपी ने 2009 से 2020 तक हमारी किसी भी मांग को पूरा नहीं किया. हम उत्तर बंगाल में ममता बनर्जी का समर्थन करेंगे. हम उन्हें तीसरी बार सीएम के रूप में देखना चाहते हैं. Fact Check: क्या पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के लिए बीजेपी ने ओवैसी की पार्टी AIMIM के साथ कर लिया है गठबंधन? फेक ट्वीट का स्क्रीनशॉट हुआ वायरल.
बीजेपी को हराने का किया फैसला:
दार्जिलिंग क्षेत्र में एक रैली के दौरान, गिरि ने कहा कि बीजेपी की सरकारों ने लगातार तीन लोकसभा चुनावों से पहले गोरखाओं को आश्वासन दिया था कि पहाड़ियों में राजनीतिक संकट हल हो जाएगा, लेकिन उन्होंने इसके लिए कुछ भी नहीं किया. "वास्तव में वे एक स्थायी राजनीतिक समाधान खोजने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं रखते हैं."
बता दें कि अक्टूबर में गोरखा नेता बिमल गुरुंग के नेतृत्व वाले जीजेएम ने एनडीए छोड़ दिया और टीएमसी के साथ गठबंधन कर लिया, उन्होंने कहा कि बीजेपी पहाड़ों के लिए "एक स्थायी समाधान खोजने में विफल रही." गिरी ने यह भी स्पष्ट किया कि जीजेएम गोरखालैंड के लिए अपनी मांग नहीं छोड़ रहा है और 2024 के लोकसभा चुनावों में उस पार्टी को समर्थन देगा, जो अलग राज्य की उनकी मांग को पूरा करेगी.