मोदी सरकार ने सोमवार को सामान्य वर्ग (General Quota) के गरीबों के लिए सरकारी नौकरी और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. सरकार ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दिलाने के लिए मंगलवार को लोकसभा (Lok Sabha) में संविधान संशोधन विधेयक पेश किया. केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत (Thawar Chand Gehlot) ने लोकसभा में बिल पेश किया. सदन में इस पर शाम 5 बजे अहम बहस होगी. वैसे तो लोकसभा में बिल को पास कराने के लिए सरकार के पास पूर्ण संख्याबल है लेकिन इसके बावजूद इसके विधेयक के लिए एकराय बनाने के लिए वह विपक्षी दलों से संपर्क साध रही है. गरीब सवर्णों के लिए 10 फीसदी का यह आरक्षण 50 फीसदी की सीमा से अलग होगा.
वहीं, राज्यसभा का सत्र एक दिन के लिए 9 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया गया है. सवर्ण आरक्षण के लिए प्रस्तावित विधेयक पेश के लिए ही राज्यसभा की कार्यवाही में एक दिन का विस्तार किया गया है. बता दें कि मोदी सरकार यह विधेयक ऐसे समय में लाई है जब लोकसभा चुनाव में महज 3-4 महीने का समय ही बचा है. इस विधेयक से बीजेपी बचे हुए समय में नाराज सवर्णों को रिझाना चाहती है. पिछले साल SC/ST एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने के कारण सवर्ण बीजेपी से नाराज चल रहे थे. यह भी पढ़ें- राज्यसभा की कार्यवाही एक दिन के लिए बढ़ी, क्या सवर्ण आरक्षण पर लगेगी संसद की मुहर ?
बता दें कि मोदी सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को सरकारी नौकरी में आरक्षण देने का फैसला किया है. केंद्रीय कैबिनेट ने सोमवार को इस संशोधन को मंजूरी दे दी. अब सरकार यह विधेयक मंगलवार को लोकसभा और बुधवार को राज्यसभा में लाने की तैयारी में है. केंद्र सरकार के इस फैसले के तहत सवर्णों को सरकारी नौकरी और उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा, यह आरक्षण 50 फीसदी की सीमा से अलग होगा.