BJP प्रदेश प्रमुख ने कहा-मैं वोहरा को पसंद नहीं करता तो राजनाथ सिंह ने कह दी ये बड़ी बात

राजनाथ सिंह ने कहा कि राज्यपाल का पद संवैधानिक पद है और उस पर बैठने वाले को पद की गरिमा बरकरार रखनी होती है. पद पर आसीन व्यक्ति से जनता को समान नजर से देखने की अपेक्षा की जाती है.

राजनाथ सिंह गृहमंत्री (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली. जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व राज्यपाल एन.एन. वोहरा के बारे में राज्य के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं के विचार हो सकता है अच्छे न हों, लेकिन केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि राज्यपाल के तौर पर उनका प्रदर्शन बेहतरीन रहा और उन्होंने पद की गरिमा बरकरार रखी. सिंह ने संवाददाताओं से कहा, "एन.एन. वोहरा जी लगातार 10 वर्षो तक जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल रहे. उन्होंने राज्यपाल के तौर पर संवैधानिक गरिमा को बहुत अच्छी तरह से पालन किया। उनका प्रदर्शन बेहतरीन रहा। और जम्मू एवं कश्मीर की जनता को उनके अनुभवों से निसंदेह लाभ मिला."

उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब कथित रूप से भाजपा के प्रदेश प्रमुख और नौशेरा से विधायक रविंदर रैना ने कहा, "मैं वोहरा को पसंद नहीं करता क्योंकि वे अपनी उपलब्धियों का गुणगान करते रहे. नए राज्यपाल सत्यपाल मलिक हमारे आदमी हैं." यह भी पढ़े-जानिए आखिर कौन है जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एन.एन वोहरा

राजनाथ सिंह ने कहा कि राज्यपाल का पद संवैधानिक पद है और उस पर बैठने वाले को पद की गरिमा बरकरार रखनी होती है. पद पर आसीन व्यक्ति से जनता को समान नजर से देखने की अपेक्षा की जाती है.

उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस समय सत्यपाल मलिक को जम्मू एवं कश्मीर का राज्यपाल नियुक्त किया है. यह भी पढ़े-7 राज्यों में नए राज्यपाल; सत्यपाल मलिक अब जम्मू-कश्मीर तो कप्तान सिंह सोलंकी बनें त्रिपुरा के राज्यपाल

नए राज्यपाल के बारे में उन्होंने कहा, "मलिक जी बहुत अच्छे नेता माने जाते हैं। राजनीति में उनके पास बहुत अनुभव है. मुझे विश्वास है कि जम्मू एवं कश्मीर के लोगों को उनके राजनीतिक अनुभवों का लाभ मिलेगा."

मलिक ने 23 अगस्त को वोहरा के स्थान पर जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल के तौर पर शपथ ली। वोहरा का कार्यकाल जुलाई में समाप्त हो गया था. मलिक इससे पहले एक साल से भी कम समय के लिए बिहार के राज्यपाल रह चुके हैं।

जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल के तौर पर 10 साल से भी ज्यादा समय तक रहने वाले वोहरा मलिक का शपथ ग्रहण समारोह बीच में ही छोड़कर चले गए थे. इसके बाद कयास लगाए जाने लगे थे कि केंद्र सरकार से अनबन के चलते उन्हें पद से हटाया गया है.

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