वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा-बेघर लोगों को शेल्टर होम में 3 वक्त खाना दिया जा रहा है, उनके लिए पैसे की भी व्यवस्था की गई है  
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Photo Credits: Twitter)

नई दिल्ली. कोविड-19 (COVID-19) महामारी का प्रकोप भारत में थमने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं. कोरोना वायरस (Coronavirus Pandemic) से पीड़ितों की संख्या रोजाना बढ़ रही है. कोरोना के चलते पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है. इस पैकेज के ऐलान के बाद से विपक्ष इसपर सवाल खड़ा कर रही है. बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने आर्थिक पैकेज में किस सेक्टर को क्या मिलेगा इसकी जानकारी दी थी. इसी कड़ी में आज फिर 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दूसरी किस्त का ब्योरा दिया हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि कुल 9 मुद्दों की घोषणा करने वाली हैं. प्रवासी मजदूरों को लेकर तीन घोषणा शामिल है.

वित्त मंत्री ने कहा कि जिनके पास राशन कार्ड या कोई कार्ड नहीं है, उन्हें भी 5 किलो गेहूं, चावल और एक किलो चना की मदद सरकार की तरफ से मिलेगी. इस फैसले से 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को इसका लाभ होगा. इस योजना में 3500 करोड़ रुपये का खर्च आने वाला है. एक देश-एक राशन कार्ड लागू होगा. जिससे प्रवासी मजदुर किसी भी राज्य के राशन डिपो से इस कार्ड की मदद से राशन ले सकता है.

वित्त मंत्री ने कहा कि मजदूरों का कल्याण हमारे एजेंडे में सबसे ऊपर है. न्यूनतम मजदूरी वर्तमान में केवल 30 फीसदी श्रमिकों पर लागू होती है. हम इसे सार्वभौमिक बनाना चाहते हैं. साथ ही लेबर कानून में सुधार पर काम किया जा रहा है. अपने राज्यों में लौटे मजदूरों को काम दिया जाएगा. देश भर में एक विशेष मुहिम चलाई जा रही है कि जो प्रवासी मजदूर जहां हैं अगर वो चाहें तो वहां पर भी अपने आप को रजिस्टर कराकर वहां काम ले सकते हैं.

बीजेपी का ट्वीट-

निर्मला सीतारमण ने कहा कि शहरी गरीबों के लिए भोजन और आवास मुहैया करने का काम हमने किया है. जिसके चलते शहरी इलाकों में रहने वाले बेघर लोगों को शेल्टर होम में केंद्र की मोदी सरकार के पैसे से तीन समय का खाना मुहैया हो रहा है. गरीबों की दिहाड़ी मजदूरी को भी हमने बढाया है.

अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रवासी मजदूरों की मदद मनरेगा के माध्यम से कैसे की जाए उसके लिए हम योजना लेकर आए हैं. 13 मई तक 14.62 करोड़ दिन जनरेट किए जा चुके हैं. इस पर लगभग 10,000 करोड़ रुपये खर्च किया जा चुके हैं. उन्होंने आगे कहा कि कॉर्पोरेटिव बैंक और रिजनल रुरल बैंक को मार्च 2020 नाबाड ने 29,500 करोड़ के रिफाइनेंस का प्रावधान किया। ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए राज्यों को मार्च में 4200 करोड़ की रुरल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड राशि दी गई है.

वित्त मंत्री ने कहा कि राज्यों को आपदा फंड के इस्तेमाल की मंजूरी दी गई. शहरी गरीबों को 11 हजार करोड़ रुपये की मदद सरकार ने की है. इसके साथ ही मार्च और अप्रैल महीने में 63 लाख कर्ज को मंजूरी दी गई है जो करीब 86 हजार 600 करोड़ रुपए है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों, सड़क के किनारे स्टॉल या रेहड़ी लगाने वालों, छोटे व्यापारियों, स्वरोजगार वालों और छोटे किसानों पर केंद्रित है. वित्त मंत्री ने कहा कि 3 करोड़ किसानों ने 4.22 लाख करोड़ रुपये के लोन पर लोन मोराटोरियम की सुविधा हासिल ली है. इसके अलावा ब्याज पर छूट, फसलों पर इंसेंटिव को 31 मई 2020 तक के लिए बढ़ाया गया है. जबकि 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी हुए हैं. इन पर लोन लिमिट 25 करोड़ रुपये है.

केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि '2014 में मोदी जी ने अपने सबसे पहले भाषण में कहा था कि ये उनकी सरकार है जो गरीबों के लिए सोचे, गरीबों की सुने, गरीबों के लिए जिए इसलिए नई सरकार देश के गरीबों युवाओं और महिलाओं को समर्पित है.''

BJP का ट्वीट-

ज्ञात हो कि वित्त मंत्री ने इससे पहले बुधवार को अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए 15 ऐलान किये थे. जिसमें MSME's के लिए  बिना गारंटी के 3 लाख करोड़ का लोन देने की घोषणा शामिल थी. ऐसा माना जा रहा है कि इससे 45 लाख MSME's को फायदा मिलने वाला है. यह भी पढ़े-वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा-MSME को मिलेगा 3 लाख करोड़ रुपये का बिना गारंटी का लोन

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की प्रेस कांफ्रेंस लाइव देखें-

उल्लेखनीय है कि भारत में कोरोना वायरस से पीड़ितों की संख्या गुरूवार को 78 हजार के पार चली गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में कोरोना के 78 हजार 03 मामले सामने आए हैं. जिनमें 49 हजार 219 कोरोना के सक्रिय मामले हैं.साथ ही 26 हजार 234 ऐसे लोग हैं जो इलाज के बाद अस्पताल से घर चले गए हैं. जबकि कोरोना की चपेट में आने से 2 हजार 549 लोगों की मौत हुई है.