कोरोना वायरस से जंग: राहुल गांधी ने कांग्रेस शासित राज्यों को दी सलाह, बढ़ाएं COVID-19 के टेस्ट की संख्या

कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच कांग्रेस नेता और वायनाड के सांसद राहुल गांधी पार्टी शासित राज्यों के सीएम से बात की. उन्होंने COVID-19 टेस्ट को बढ़ाने पर जोर दिया है. उन्होंने जोर राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत की सरकार पर जोर दिया. राजस्थान में विदेशी सैलानियों की संख्या अधीक होती है विशेषकर अजमेर में. जिसके लेकर उन्होंने कहा कि संदिग्धों के परीक्षण के अलावा इसे अनियमित तौर पर भी राज्य की सरकार को करना चाहिए. रिपोर्ट के मुताबिक इस इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार के काम पर कहा कि उन्होंने कम टेस्ट की तकनीक को चुना है जबकि परिक्षण को अधिक बढ़ाया जाना चाहिए. इस दौरान उन्होंने दो देशों का उदाहरण भी दिया. राहुल गांधी ने ये चर्चा उस वक्त की है जब देशभर में कोरोना वायरस के केस 2000 की संख्या पार कर चूका है.

राहुल गांधी (Photo Credits-ANI Twitter)

कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच कांग्रेस नेता और वायनाड के सांसद राहुल गांधी पार्टी शासित राज्यों के सीएम से बात की. उन्होंने COVID-19 टेस्ट को बढ़ाने पर जोर दिया है. उन्होंने राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत की सरकार पर विशेष जोर दिया. राजस्थान में विदेशी सैलानियों की संख्या अधीक होती है विशेषकर अजमेर में. जिसके लेकर उन्होंने कहा कि संदिग्धों के परीक्षण के अलावा इसे अनियमित तौर पर भी राज्य की सरकार को करना चाहिए. रिपोर्ट के मुताबिक इस इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार के काम पर कहा कि उन्होंने कम टेस्ट की तकनीक को चुना है जबकि परिक्षण को अधिक बढ़ाया जाना चाहिए. इस दौरान उन्होंने दो देशों का उदाहरण भी दिया. राहुल गांधी ने ये चर्चा उस वक्त की है जब देशभर में कोरोना वायरस के केस 2000 की संख्या पार कर चूका है.

बता दें कि इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, बैठक में मौजूद के कांग्रेस के सीनियर नेता ने कहा कि राहुल गांधी ने ज्यादा परिक्षण पर इसलिए जोर दिया है कि अगर ज्यादा परिक्षण किया जाता है तो उसके लक्षण जल्दी ही पता चल जाएगा. जिससे सही समय पर उसपर लगाम लगाया जा सकता है. इससे पहले भी मोदी सरकार के काम को लेकर कांग्रेस ने उनपर सवाल खड़े कर चुकी है. कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर लॉकडाउन पर मोदी सरकार के फैसले पर तंज कसा था. जिसमें लिखा था, प्रधानमंत्री जी, विकल्प पहले भी थे, आज भी हैं- अगर आप विवेक से काम लें तो. विकल्प मिलते हैं- विचारों के आदान-प्रदान से. मगर आपको अपने "मन की बात" कहनी होती है, किसी की सुनते नहीं हैं.

वहीं वहीं गुरुवार को कांग्रेस कार्यकारी समिति ने बैठक का अयोजन किया गया था और कांग्रेस शासित राज्यों से वहां किए जा रहे इंतजामों को लेकर फीडबैक लिया था. इस दौरान उन्होने कहा था कि 21 दिन का देशव्यापी लॉकडाउन हो सकता है जरूरी हो, लेकिन इसे बगैर तैयारी के साथ लागू किया गया, जिससे अफरातफरी का माहौल उत्पन्न हुआ और पूरे भारत में लाखों प्रवासी मजदूरों को परेशानी का सामना करना पड़ा.

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