श्रीनगर, 16 अगस्त: नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में हिस्सा लेने का ऐलान किया है. यह चुनाव पिछले एक दशक में क्षेत्र में होने वाले पहले क्षेत्रीय चुनाव होंगे. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि उनके बेटे, उमर अब्दुल्ला, इन चुनावों में हिस्सा नहीं लेंगे. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि उमर अब तब तक चुनाव नहीं लड़ेंगे जब तक जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस नहीं मिल जाता. फारूक अब्दुल्ला ने कहा, "मैं इन चुनावों में हिस्सा लूंगा, उमर अब्दुल्ला चुनाव नहीं लड़ेंगे. जब राज्य का दर्जा वापस मिलेगा, तब मैं पद छोड़ दूंगा और उमर उस सीट से चुनाव लड़ेंगे."
जम्मू कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान, दोनों राज्यों में इस दिन होगी वोटिंग.
उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव की घोषणा का स्वागत किया और कहा कि "देर आए, दुरुस्त आए". उन्होंने श्रीनगर में पत्रकारों से कहा, "कुछ समय पहले, चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा की. जम्मू-कश्मीर के लोग इस दिन का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे. देर से ही सही, पर चुनाव हो रहे हैं."
90 सदस्यीय जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए तीन चरणों में चुनाव होंगे. ये चुनाव 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होंगे. पहले चरण में जम्मू-कश्मीर की 24 सीटों पर, दूसरे चरण में 26 सीटों पर और तीसरे चरण में 40 सीटों पर चुनाव होंगे.
2014 के बाद से नहीं हुआ चुनाव
जम्मू और कश्मीर में दस साल के अंतराल के बाद चुनाव होने जा रहे हैं. यहां पिछला विधानसभा चुनाव 2014 में हुआ था. जम्मू-कश्मीर जून 2018 से केंद्र के शासन के अधीन है और अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के तहत इसका विशेष दर्जा रद्द कर दिया गया था, जिससे इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों - जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया गया था.
अमरनाथ यात्रा के बाद सुरक्षा बल रहेंगे तैनात
अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू-कश्मीर में तैनात सुरक्षा बलों को चुनाव से पहले इलाके में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए वहीं रखा जाएगा. यात्रा 19 अगस्त को समाप्त हो जाएगी, जिसके बाद ये बल चुनाव की तैयारियों में जुट जाएंगे.