Farmers' Protest Updates: कृषि बिल पर किसान नेताओं को केंद्र का लिखित 20 पन्नों का प्रस्ताव मिला, किसानों ने कहा-हम प्रस्ताव को पढ़ेंगे, फिर इस पर चर्चा के बाद कोई फैसला लेंगे

कृषि कानूनों को लेकर घमासान अब और बढ़ गया है. दरअसल केंद्र और किसान नेताओं के बीच बात बनती नहीं दिख रही है. सरकार जहां किसानों की बात मानने को तैयार नहीं दिख रही है वहीं किसान भी अपनी मांग पर अड़े हुए हैं. इसी बीच केंद्र की मोदी सरकार की तरफ से किसानों को 20 पन्नों का लिखित प्रस्ताव दिया है. किसानों का कहना है कि हम पहले इसे पढेंगे फिर कोई फैसला लेंगे.

किसान नेता (Photo Credits-ANI Twitter)

नई दिल्ली, 9 दिसंबर. कृषि कानूनों (Farm Bills 2020) को लेकर घमासान अब और बढ़ गया है. दरअसल केंद्र और किसान नेताओं के बीच बात बनती नहीं दिख रही है. सरकार जहां किसानों की बात मानने को तैयार नहीं दिख रही है वहीं किसान भी अपनी मांग पर अड़े हुए हैं. इसी बीच केंद्र की मोदी सरकार (Modi Govt) की तरफ से किसानों को 20 पन्नों का लिखित प्रस्ताव दिया है. किसानों का कहना है कि हम पहले इसे पढेंगे फिर कोई फैसला लेंगे.

बता दें कि कृषि बिल को लेकर मचे घमासान के बीच सिंघु बॉर्डर पर ​किसान नेताओं को भारत सरकार का प्रस्ताव मिला है. इसे लेकर भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष मंजीत सिंह ने कहा कि हम प्रस्ताव को पढ़ेंगे, फिर इस पर चर्चा के बाद कोई फैसला लिया जाएगा. प्रस्ताव लगभग 20 पन्नों का है. किसानों की तरफ से यह भी कहा जा रहा है कि वो केंद्र का प्रस्ताव देख रहे हैं लेकिन उनकी मांग सिर्फ तीनों कृषि कानूनों को हटाने की है.  यह भी पढ़ें-Farmers' Protest Updates: लिखित प्रस्ताव में सरकार दे सकती है MSP और मंडी पर गारंटी, शाम तक स्पष्ट होगी स्थिति

ANI का ट्वीट-

वहीं भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत ने कहा है कि कृषि बिल किसानों की शान से जुड़ा हुआ मुद्दा है इसलिए वे इससे पीछे नहीं हटने वाले हैं. हालांकि उन्होंने उम्मीद जरूर जतायी है कि केंद्र और किसानों में बातचीत बन जाएगी. इससे पहले किसान नेताओं और गृहमंत्री अमित शाह के बीच मंगलवार को बैठक हुई थी. तब उम्मीद थी कि कुछ बात बनेगी लेकिन ऐसा नहीं हो पाया है.

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