नई दिल्ली: कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को मनाने के लिए सरकार बीच बातचीत का रास्ता निकालने में जुटी है. सरकार की ओर से कृषि कानूनों में कुछ संशोधन किए जा सकते हैं, जिनपर किसान अड़े हुए थे. सरकार की ओर से किसानों को एक लिखित प्रस्ताव किसानों को भेजा जा रहा है. रिपोर्ट्स के अनुसार केंद्र अपने प्रस्ताव में APMC एक्ट के तहत मंडियों को और सशक्त करने के लिए तैयार है और साथ ही सरकार किसानों को MSP पर लिखित भरोसा देने के लिए भी तैयार है.
सरकार की ओर से प्रस्ताव मिलने से पहले अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह (Hannan Mollah) ने कहा, कि अगर सरकार कुछ संशोधन दे रही है तो हमारी स्थिति साफ है, अगर कानून वापस होंगे तभी हम उसे मानेंगे. अगर आज के प्रस्ताव में कुछ पॉजिटिव होता है, तो सरकार के साथ आगे बैठक हो सकती है. Farmers Protest: वापस नहीं होंगे नए कृषि कानून, सरकार भेजेगी संशोधन के प्रस्ताव.
बता दें कि मंगलवार को 'भारत बंद' खत्म होने के बाद किसान नेताओं ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. बैठक में सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया कि कृषि कानून वापस नहीं होंगे, हालांकि सरकार किसानों की मांग पर संशोधन करने के लिए राजी है. वहीं किसान कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं.
सरकार की ओर से लिखित प्रस्ताव मिलने के बाद सिंघु बॉर्डर पर किसान नेताओं की बैठक होगी. भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा- केंद्र की ओर से भेजे गए प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे. आज होने वाली छठे दौर की वार्ता रद्द हो गई है. ड्राफ्ट पर चर्चा होगी और आगे फैसला तय किया जाएगा. उम्मीद है कि शाम चार पांच बजे तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी.