नई दिल्ली, 6 दिसंबर. किसानों का प्रदर्शन कृषि कानूनों (Farm Bills 2020) को लेकर राजधानी दिल्ली में जारी है. सरकार के साथ कई बार हुई बातचीत के बाद भी कोई ठोस निर्णय नहीं निकल सका है. ऐसे में 9 दिसंबर को एक बार फिर केंद्र के साथ किसानों की बैठक होने वाली है. इसी बीच किसानों की तरफ से आक्रामक बयानबाजी शुरू हो गई है. एक तरह से मोदी सरकार (Modi Govt) पर दबाब बनाने की कोशिश इसे कहा जा सकता है. किसानों का कहना है कि केंद्र की सरकार घबराहट में है, वे हमारे मुद्दे मान चुकी और जानबूझकर लटका रही है.
किसान संयुक्त मोर्चा के प्रधान रामपाल सिंह ने कहा कि केंद्र की सरकार घबराहट में है, वो किसानों के मुद्दे मान चुकी है और जानबूझकर लटका रही है. सरकार सोचती है कि शायद बूढ़े-बच्चे घबरा कर घर चले जाएंगे, इन्होंने हमार इतिहास नहीं पढ़ा है. हमारे पीछे हटने का सवाल ही पैदा नहीं होता है. यह भी पढ़ें-Farmers Protest: कृषि कानूनों को लेकर किसानों का आंदोलन जारी, प्रदर्शनकारियों ने कहा-अगर जल्दी हल नहीं निकलता तो 9 दिसंबर की बैठक के बाद बनेगी नई रणनीति
ANI का ट्वीट-
केंद्र की सरकार घबराहट में है, वो किसानों के मुद्दे मान चुकी है और जानबूझकर लटका रही है। सरकार सोचती है कि शायद बूढ़े-बच्चे घबरा कर घर चले जाएंगे, इन्होंने हमार इतिहास नहीं पढ़ा है। हमारे पीछे हटने का सवाल ही पैदा नहीं होता है: किसान संयुक्त मोर्चा के प्रधान रामपाल सिंह pic.twitter.com/FGqb6b1znI
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 6, 2020
वहीं केंद्र सरकार पर दबाब बनाने के मद्देनजर किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद की घोषणा की है. क्योंकि ठीक एक दिन बाद यानि 9 दिसंबर को किसानों की सरकार के साथ वार्ता होनी है. हालांकि किसानों का यह भी कहना है कि अगर 9 दिसंबर को बात नहीं बनती है तो उसके लिए अलग रणनीति पर काम हो रहा है.