Farmers Protest: सचिन पायलट का मोदी सरकार पर बड़ा हमला, कहा-केंद्र द्वारा संसद का शीतकालीन सत्र न बुलाने का निर्णय अलोकतांत्रिक
कृषि बिल को लेकर किसानों का आंदोलन खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. केंद्र के साथ किसानों की कई दौर की बातचीत के बाद भी कोई हल नहीं निकल सका है. दूसरी तरफ विपक्ष लगातार किसानों के मसले को लेकर हमलावर है. लगातार कांग्रेस की तरफ से केंद्र से संसद का शीतकालीन सत्र बुलाने की मांग कर रही है. अधीर रंजन चौधरी, रणदीप सिंह सुरजेवाला के बाद अब सचिन पायलट ने केंद्र पर निशाना साधा है. पायलट ने कहा कि केंद्र द्वारा संसद का शीतकालीन सत्र न बुलाने का निर्णय अलोकतांत्रिक है.
नई दिल्ली, 15 दिसंबर. कृषि बिल (Farm Bills 2020) को लेकर किसानों का आंदोलन खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. केंद्र के साथ किसानों की कई दौर की बातचीत के बाद भी कोई हल नहीं निकल सका है. दूसरी तरफ विपक्ष लगातार किसानों के मसले को लेकर हमलावर है. लगातार कांग्रेस की तरफ से केंद्र से संसद का शीतकालीन सत्र बुलाने की मांग कर रही है. अधीर रंजन चौधरी, रणदीप सिंह सुरजेवाला के बाद अब सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने केंद्र पर निशाना साधा है. पायलट ने कहा कि केंद्र द्वारा संसद का शीतकालीन सत्र न बुलाने का निर्णय अलोकतांत्रिक है.
सचिन पायलट ने ट्वीट करते हुए लिखा कि केंद्र सरकार द्वारा संसद का शीतकालीन सत्र न बुलाने का निर्णय अलोकतांत्रिक है. हमारे देश का कृषि क्षेत्र महासंकट का सामना कर रहा है, इन विषम परिस्थितियों में यह आवश्यक है कि हमारे अन्नदाता की आवाज व कृषि कानून पर विपक्षी दलों का पक्ष सुनकर केंद्र सरकार किसानों के साथ न्याय करें. यह भी पढ़ें-Farmers Protest: शिवराज सिंह चौहान का कांग्रेस पर निशाना, कहा-वो लोग विरोध कर रहे हैं जिन्हें ये पता नहीं कि प्याज जमीन के ऊपर होता है या नीचे, राहुल गांधी बता दे कि भिंडी कैसे लगती है
ANI का ट्वीट-
पायलट ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि केंद्र सरकार को संवैधानिक मूल्यों का अनुसरण करते हुए कोरोना से बचाव के समस्त सुरक्षात्मक उपायों एवं दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखकर एक समन्वय स्थापित करके राष्ट्रहित व किसान हित में संसद का शीतकालीन सत्र बुलाना चाहिए.
उल्लेखनीय है कि कृषि बिल को लेकर मचे घमासान के बीच किसान संगठनों का आरोप है कि सरकार बाहर से किसनों को राजधानी दिल्ली में विरोध प्रदर्शन के लिए आने नहीं दे रही है. साथ ही केंद्र आंदोलन वाली जगह पर फोर्स लगातार तानाशाही रवैया अपना रही है.