भारतीय जनता पार्टी ( BJP) और कांग्रेस (Congress) के बीच फेसबुक विवाद (Facebook) थमने का नाम नहीं ले रहा है. बीजेपी से लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे ( MP Nishikant Dubey) और कांग्रेस सांसद शशि थरूर ( MP Shashi Tharoor) के बीच ठन गई है. जहां पहले शशि थरूर ने निशिकांत दुबे के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस भेजा है. वहीं, इसी कड़ी में अब निशिकांत दुबे ने भी शशि थरूर और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस (Breach of Privilege Motion Notice) भेज दिया है.
दरअसल निशिकांत दुबे पर पहले शशि थरूर ने आरोप लगाया कि फेसबुक प्रकरण को लेकर समिति की बैठक बुलाने के उनके फैसले को लेकर सोशल मीडिया में ‘अपमानजनक टिप्पणी’ की. स्पीकर ओम बिड़ला को लिखे पत्र में शशि थरूर ने ट्वीटर पर किए गए कमेंट पर आपत्ति जताई है. जिसमें बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा है कि स्थायी समिति के प्रमुख के पास इसके सदस्यों के साथ एजेंडे के बारे में विचार-विमर्श किए बिना कुछ करने का अधिकार नहीं है. शशि थरूर ने कहा है कि बीजेपी सांसद के इस कमेंट से उनके पद का अनादर हुआ है. दुबारा न होने के साथ साथ शख्स कर्रवाई की मांग की है. यह भी पढ़ें:- Congress Writes to Mark Zuckerberg: कांग्रेस ने फेसबुक के CEO मार्क जुकरबर्ग को लिखा पत्र, हाई लेवल जांच की मांग की.
ANI का ट्वीट:-
BJP MP Nishikant Dubey moves notice of 'Breach of Privilege' against Congress leaders Rahul Gandhi & Shashi Tharoor, over Facebook row. (file pics) pic.twitter.com/qrCbGLo1zM
— ANI (@ANI) August 19, 2020
बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को ट्वीट कर कहा था कि, बीजेपी -आरएसएस भारत में फेसबुक और व्हाट्सएप का नियंत्रण करती हैं. इस माध्यम से ये झूठी खबरें व नफरत फैलाकर वोटरों को फुसलाते हैं. आखिरकार, अमेरिकी मीडिया ने फेसबुक का सच सामने लाया है. इस मामले को लेकर बीजेपी के साथ फेसबुक और व्हाट्सएप कर्मचारियों के संबंध की जांच अवश्य होनी चाहिए.
ANI का ट्वीट:-
BJP MP Nishikant Dubey moves notice of 'Breach of Privilege' against Congress leaders Rahul Gandhi & Shashi Tharoor, over Facebook row. (file pics) pic.twitter.com/qrCbGLo1zM
— ANI (@ANI) August 19, 2020
ज्ञात हो विवाद उस समय बढ़ा जब द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, फेसबुक इंडिया की पब्लिक पॉलिसी निदेशक अंखी दास (Ankhi Das) ने अपने स्टाफ को कथित तौर पर बताया है कि बीजेपी नेताओं को हिंसा के लिए दंडित करने से 'कंपनी की भारत में बिजनेस संभावनाओं को नुकसान हो सकता है.