Facebook Ignored Hate Speech by BJP: WSJ की रिपोर्ट के बाद भारत में फेसबुक के नियमों पर राजनीतिक बहस शुरू, असदुद्दीन ओवैसी, दिग्विजय सिंह, शशि थरूर ने कही ये बात
भारत में फेसबुक के नियमों पर राजनीतिक बहस (Photo Credits: IANS/File Image)

द वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) की रिपोर्ट के बाद भारत में फेसबुक के नियमों पर बहस शुरू हो गई है. आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जनरल की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि अब फेसबुक के साथ बीजेपी के संबंधों का खुलासा हो गया है. फेसबुक के कर्मचारी बीजेपी के नियंत्रण में काम कर रहे है. असदुद्दीन ओवैसी ने अपने ट्वीट में लिखा, 'अलग-अलग लोकतंत्रों में फेसबुक के अलग-अलग मानक क्यों हैं? यह किस तरह का निष्पक्ष मंच है? यह रिपोर्ट बीजेपी के लिए नुकसानदेह है- यह समय है कि बीजेपी के फेसबुक के साथ संबंधों का खुलासा हो गया है और फेसबुक कर्मचारी पर बीजेपी के नियंत्रण की भी प्रकृति सामने आई.'

द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, फेसबुक इंडिया की पब्लिक पॉलिसी निदेशक अंखी दास (Ankhi Das) ने अपने स्टाफ को कथित तौर पर बताया है कि बीजेपी नेताओं को हिंसा के लिए दंडित करने से 'कंपनी की भारत में बिजनेस संभावनाओं को नुकसान हो सकता है.' यह भी पढ़ें: Fact Check: क्या पीएम नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर निर्माण के लिए यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ को भेजे थे 50 करोड़ रुपये? जाने खबर की पूरी सच्चाई.

रिपोर्ट में तेलंगाना से भाजपा विधायक टी राजा सिंह के हेट मैसेज का उल्लेख किया गया है, जिसमें वह कथित तौर पर अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा का आह्वान कर रहे हैं. फेसबुक के मौजूदा और पूर्व कर्मचारियों का कहना है कि अंखी दास का इस मामले में दखल कंपनी के सत्ताधारी पार्टी के साथ पक्षपात के व्यापक पैटर्न का हिस्सा है.

असदुद्दीन ओवैसी का ट्वीट

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) ने इस मुद्दे पर फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग को घेरा. दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, 'मार्क जकरबर्ग कृपया इस पर बात करें. प्रधानमंत्री मोदी के समर्थक अंखी दास को फेसबुक में नियुक्त किया गया जो खुशी-खुशी मुस्लिम विरोधी पोस्ट को सोशल मीडिया पर अप्रूव करता है. आपने साबित कर दिया कि आप जो उपदेश देते हैं उसका पालन नहीं करते.'

दिग्विजय सिंह का ट्वीट

कांग्रेस विधायक शशि थरूर (Shashi Tharoor) , जो आईटी पर संसदीय समिति के प्रमुख हैं, उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे को देखेंगे और डब्ल्यूएसजे रिपोर्ट में जिनका नाम हैं उन्हें समन जारी करेंगे.

डब्लूएसजे की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए, कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, "फेसबुक को लेकर यह खुलासा एक झटके की तरह है. क्योंकि फेसबुक जैसी कंपनी से ऐसी उम्मीद नहीं थी. नए तथ्य फेसबुक इंडिया के महत्वपूर्ण अधिकारियों से बीजेपी के करीबी संबंधों को उजागर कर रहे हैं. लोकतंत्र को इस तरह की मिलीभगत से बचाने की जरूरत है."