नई दिल्ली. भारत और अमेरिका ने गुरुवार को लंबे समय से लंबित और ऐतिहासिक संचार, संगतता व सुरक्षा समझौते (सीओएमसीएएसए) पर हस्ताक्षर किए. इसके अंतर्गत भारतीय सशस्त्र सेना अब वाशिंगटन से ज्यादा सैन्य उपकरण खरीद सकेगी और इसके साथ ही भारत महत्वपूर्ण व इनक्रिप्टेड रक्षा प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर सकेगा.
सीओएमसीएएसए पर दोनों पक्षों के बीच पहली बार 2 प्लस 2 वार्ता के दौरान हस्ताक्षर किए गए. यह वार्ता विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण और उनके अमेरिकी समकक्ष माइक पॉम्पिओ और जेम्स मेट्टिस के बीच आयोजित हुई.
सुषमा स्वराज और सीतारमण ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दोनों पक्षों ने सीओएमसीएएसए समझौते पर हस्ताक्षर किए.निर्मला ने कहा, "आज हमारी बातचीत के सबसे महत्वपूर्ण परिपेक्ष्य रक्षा था. सीओएमसीएएसए हमारी 'रक्षा सहयोग और क्षमता' को बढ़ाएगा."
Delhi: United States Secretary of Defence James N. Mattis, United States Secretary of State Mike Pompeo, External Affairs Minister Sushma Swaraj and Defence Minister Nirmala Sitharaman jointly called on Prime Minister Narendra Modi. pic.twitter.com/KeCYZMmTpq
— ANI (@ANI) September 6, 2018
यह समझौता के तहत दोनों देशों के सेनाओं के उनके पारस्परिकता (इंटरोपेरेबिलिटी) में मदद करने के लिए भारत को महत्वपूर्ण अमेरिकी रक्षा प्रौद्योगिकियों और संचार नेटवर्क की सुविधा मिल सकेगी.भारतीय सशस्त्र सेना को अब अमेरिका के रक्षा प्लेटफार्म पर अमेरिका-निर्मित उच्च सुरक्षा वाले संचार साधनों के प्रयोग की इजाजत होगी.
सीओएमसीएसएसए उन तीन मूलभूत समझौते में से दूसरा समझौता है, जो अमेरिका के साथ पारस्परिकता के लिए जरूरी है. दोनों देशों ने इससे पहले 2016 में लॉजिस्टिक एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए थे.हालांकि, दोनों देशों के बीच बेसिक एक्सचेंज एंड कॉपरेशन समझौता अभी बाकी है.