प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने मंगलवार को कहा कि उसने राष्ट्रीय राजमार्ग 74 से जुड़े मामले में अपनी धनशोधन जांच के संबंध में एक विशेष भूमि अधिग्रहण अधिकारी और अन्य से जुड़े 21.96 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है. वित्तीय जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि उसने चल व अचल संपत्ति समेत 36 कृषि वाणिज्यिक प्लॉट और उत्तराखंड के देहरादून, उधम सिंह नगर में स्थित इमारतों और उत्तर प्रदेश के रामपुर में इमारत को जब्त कर लिया है. इसके अलावा एजेंसी ने 11 बैंक खाता डिपॉजिट/म्यूचल फंड्स को भी जब्त किया है.
ईडी ने कहा कि संपत्तियों को धनशोधन अधिनियम, 2002 के तहत विभिन्न धाराओं में जब्त किया गया है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि पीएमएलए के तहत जांच दिनेश प्रताप सिंह और अन्य राजस्व अधिकारियों, किसानों और बिचौलियों के खिलाफ उत्तराखंड पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर और आरोप-पत्र के आधार पर शुरू की गई है.
इसमें यह खुलासा हुआ कि डी.पी. सिंह और तब भूमि अधिग्रहण से संबंधित अधिकारी की हैसियत से काम कर रहे अनिल शुक्ला ने अन्य नौकरशाहों, किसानों और बिचौलियों के साथ मिलकर गैर-कृषि दर में मुआवजा स्वीकृत करके सरकारी फंड में गबन किया.
एजेंसी ने इसके अलावा कहा कि जांच से खुलासा हुआ कि जिन किसानों/भूमि मालिकों को कृषि दर से ज्यादा मुआवजा मिला, उन्होंने उन पैसों से अपने लिए अचल संपत्ति खरीदी, बैंक में डिपॉजिट कराए और राजस्व अधिकारियों को कमीशन दिए.