Anil Deshmukh की बढ़ी मुसीबत, ईडी ने छापेमारी के बाद निजी सचिव संजीव पलांडे को हिरासत में लिया, पूछताछ जारी
महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता अनिल देशमुख के मुंबई और नागपुर स्थित ठिकानों पर छापेमारी की. ईडी ने अनिल देशमुख के साथ उनके निजी सचिवों कुंदन शिंदे और संजीव पलांडे (Sanjeev Palande) के आवासों पर भी छापेमारी की.
मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता अनिल देशमुख के मुंबई और नागपुर स्थित ठिकानों पर छापेमारी की. ईडी ने अनिल देशमुख के साथ उनके निजी सचिवों कुंदन शिंदे और संजीव पलांडे (Sanjeev Palande) के आवासों पर भी छापेमारी की. जिसके बाद केन्द्रीय एजेंसी ने देशमुख के निजी सचिव संजीव पलांडे को गिरफ्तार किया है. बाताया जा रहा है कि ईडी ने संजीव पलांडे के खिलाफ जांच शुरू कर दी है. फिलहाल उनसे पूछताछ की जा रही है. महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की मुश्किलें बढ़ी, ED ने दर्ज किया मनी लॉन्ड्रिंग का मामला
ईडी की टीमों ने 60 दिनों में दूसरी बार पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ दायर एक कथित भ्रष्टाचार के मामले में नागपुर और मुंबई के आवासों सहित चार स्थानों पर छापेमारी की. ईडी की टीम भारी संख्या में पुलिस और केंद्रीय पुलिस बल के साथ देशमुख के आवास पर पहुंची, जिससे मामले में और कड़ी कार्रवाई की अटकलें तेज हो गईं. हालांकि अनिल देशमुख रेड के समय ना तो नागपुर में अपने आवास पर थे और ना ही मुंबई में अपने आवास पर थे.
मई में देशमुख के खिलाफ दर्ज किया गया था तब मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले की जांच के तहत कम से कम चार स्थानों पर छापेमारी की गई थी. इससे पहले 24 अप्रैल को कई शहरों में देशमुख के करीब 10 ठिकानों पर 24 अप्रैल को ईडी ने छापेमारी की थी और मामला दर्ज होने के बाद उन्हें कई घंटों तक हिरासत में रखा गया था.
इससे पहले, 6 अप्रैल को, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रारंभिक जांच दर्ज की थी, जिसमें एजेंसी को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार और कार्यालय के दुरुपयोग के आरोपों की जांच करने के लिए कहा गया था. हालांकि भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद एनसीपी नेता को गृहमंत्री का पद छोड़ना पड़ा था. (एजेंसी इनपुट के साथ)