आज पूरे देश में जोर-शोर से हिंदी दिवस मनाया जा रहा है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने देशवासियों को शुभकामनाएं दी, और हिंदी के महत्त्व को सामने रखा. इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में कहा कि हमारे देश में एक भाषा होने की जरूरत है. अमित शाह ने कहा, एक देश के लिए एक आम भाषा का होना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा, आज अगर कोई भाषा देश को एकजुट रख सकती है, तो वो व्यापक रूप से बोली जाने वाली हिंदी भाषा है. अमित शाह के इस डीएमके के अध्यक्ष एमके स्टालिन ने आपत्ति जताई है. इतना ही एमके स्टालिन ने अमित शाह को उनका बयान वापस लेने को भी कहा है.
स्टालिन ने कहा, 'हम लगातार हिंदी थोपे जाने का विरोध कर रहे हैं. आज अमित शाह द्वारा दिए गए बयान से हमें झटका लगा है. इससे देश की एकता पर असर पड़ेगा. हम मांग करते हैं कि वह अपने इस बयान को वापस लें. स्टालिन ने कहा सोमवार को हमारी कार्यकारिणी की बैठक में हम इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएंगे.
एमके स्टालिन ने अमित शाह के बयान पर जताई आपत्ति-
DMK president MK Stalin on Home Minister Amit Shah's statement 'there is need for our nation to have one language': Day after tomorrow we will be holding our executive party meeting where will be take up this issue further. https://t.co/LAU15wgV8Y
— ANI (@ANI) September 14, 2019
एमके स्टालिन ने कहा, 'अमित शाह ने हिंदी को एक राज भाषा बनाने के बारे में जो बयान दिया, वह गैर-हिंदी भाषी राज्य के नागरिकों को द्वितीय श्रेणी के नागरिक बनाने का एक प्रयास है. यदि बहुमत से बोली जाने वाली भाषा को राष्ट्रीय भाषा घोषित किया जाना चाहिए, तो कौआ राष्ट्रीय पक्षी होना चाहिए. स्टालिन ने कहा यह इंडिया है, हिंडिया नहीं. डीएमके इस देश की बहुलता और अखंडता को बचाने के लिए तैयार है.