लालू प्रसाद यादव को CBI ने दी बड़ी राहत, DLF रिश्वत मामले में मिली क्लीन चिट
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के संस्थापक लालू प्रसाद यादव को राहत देते हुए उन्हें डीएलएफ से जुड़े एक रिश्वत मामले में क्लीन चिट दे दी है. सीबीआई सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय जांच एजेंसी ने जनवरी 2018 में लालू प्रसाद और रियल एस्टेट डेवलपर डीएलएफ समूह के खिलाफ भ्रष्टाचार के लिए प्रारंभिक जांच शुरू की थी.
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के संस्थापक लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को राहत देते हुए उन्हें डीएलएफ (DLF) से जुड़े एक रिश्वत मामले में क्लीन चिट दे दी है. सीबीआई सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय जांच एजेंसी ने जनवरी 2018 में लालू प्रसाद और रियल एस्टेट डेवलपर डीएलएफ समूह के खिलाफ भ्रष्टाचार के लिए प्रारंभिक जांच शुरू की थी. लालू यादव पर आरोप लगाया गया था कि डीएलएफ समूह मुंबई बांद्रा स्टेशन (Mumbai Bandra Station) के अपग्रेडेशन और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन प्रोजेक्ट (New Delhi Railway Station Project) को हासिल करने की कोशिश में था और इसी दौरान पूर्व रेल मंत्री लालू को कथित रिश्वत के तौर पर दक्षिणी दिल्ली के पॉश इलाके न्यू फ्रेंड कॉलोनी में एक संपत्ति रिश्वत के तौर पर दी गई थी. इन्हीं आरोपी की सीबीआई द्वारा जांच की जा रही थी. यह भी पढ़ें- Bihar: तेजस्वी यादव ने अपने सरकारी आवास को बनाया कोविड केयर सेंटर, JDU ने कसा तंज- आपके घर में डॉक्टर भी हैं, उन्हें सेवा में क्यों नहीं लगाते.
सूत्र ने कहा कि लालू पर यह आरोप लगाया गया था कि एबी एक्सपोर्ट नामक प्राइवेट लिमिटेड नाम की शेल कंपनी के द्वारा न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में 5 करोड़ की कीमत का एक फ्लैट खरीदा गया था. यह कंपनी लेक्सिस इंफोटेक प्राइवेट लिमिटेड और दूसरी शेल कंपनियों के माध्यम से वित्तपोषित की गई थी. ये कंपनियां डीएलएफ होम डेवलेपर्स द्वारा फंडेड थीं, जबकि वास्तविक सरल रेट के आधार पर संपत्ति की कीमत 30 करोड़ रुपये आंकी गई थी.
लालू प्रसाद को बड़ी राहत-
दरअसल, आरोप लगाया गया था कि पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी यादव, बेटी चंदा और रागिनी ने 2011 में 4 लाख रुपये में एक कंपनी एबी एक्सपोर्ट्स खरीदी थी. एक कथित शेल कंपनी एबी एक्सपोर्ट्स ने 2007 में न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में 5 करोड़ रुपये में एक संपत्ति खरीदी थी. इस प्रकार न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी की संपत्ति उन्हें हस्तांतरित कर दी गई.
सूत्र ने कहा कि सीबीआई ने प्रवीण जैन और अमित कात्याल की भूमिका की भी जांच की है, जिन्होंने डीएलएफ समूह और राजद नेता के बीच लेनदेन को अंजाम दिया था. सीबीआई सूत्र ने कहा कि प्रारंभिक जांच (पीई) को बंद कर दिया गया है, क्योंकि आरोपों से कोई मामला बनता नहीं दिख रहा है.
सूत्रों के मुताबिक, एक जानकारी यह भी सामने आई है कि पूर्व सीबीआई निदशक ऋषि कुमार शुक्ला के शीर्ष पद से सेवानिवृत्ति से पहले ही इस मामले में लालू यादव को राहत दे दी गई थी, लेकिन वो अब सामने आई है. लालू प्रसाद को झारखंड हाईकोर्ट ने इस साल अप्रैल में दुमका कोषागार मामले में जमानत दी थी, जो बिहार चारा घोटाला मामले से जुड़ा है. लालू पर राजकोष से 3 करोड़ रुपये से अधिक निकालने का आरोप है. जमानत मिलने से पहले लालू प्रसाद ने तीन साल से अधिक समय जेल में बिताया