UP: 'नाराज' दिनेश खटीक ने सीएम योगी से की मुलाकात, कहा- मैंने अपनी बात रखी तो हो गया समाधान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा स्वतंत्र देव सिंह के साथ करीब 20 मिनट की मुलाकात के बाद सीएम आवास से बाहर निकले दिनेश खटीक ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनकी बात सुनी है

लखनऊ, 21 जुलाई: यूपी की सियासत में बीते दो दिन तक खलबली मचाने वाला मामला अब शांत हो गया है. राज्य के जल शक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटीक ने गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी से उनके सरकारी आवास पर भेंट की. इस दौरान उनके विभाग के कैबिनेट मंत्री तथा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी थे. कहा कि मेरे जो भी विषय थे उन्हें मुख्य मंत्री आदित्यनाथ के समक्ष रख दिया है. जिस बुन्देलखण्ड से कभी निवेशक भागते थे, आज बन रहा धरती का स्वर्ग: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा स्वतंत्र देव सिंह के साथ करीब 20 मिनट की मुलाकात के बाद सीएम आवास से बाहर निकले दिनेश खटीक ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनकी बात सुनी है. मुख्यमंत्री अब उस पर काम कर रहे हैं. मेरे पास जो विषय थे, मैंने उनको मुख्यमंत्री के सामने रखा है. इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी पर कार्रवाई होगी. दिनेश खटीक ने कहा कि मेरी समस्या का समाधान तो हो गया है. मुख्यमंत्री से सामने मैंने अपने सभी विषय रख दिए हैं. उन्होंने कहा कि स्वतंत्र देव मेरे बड़े भाई की तरह हैं सरकार जीरो टॉलरेंस पर काम कर रही है.

जल शक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक यूं तो डेढ़ माह से कई मुद्दों पर अफसरों के प्रति नाराजगी जता रहे थे, लेकिन 19 जुलाई को वह अपने विभाग के अधिकारियों के बर्ताव से ज्यादा आहत हो गए. इसके बाद उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया. तमाम आरोपों की फेहरिस्त के साथ उन्होंने अपना इस्तीफा राजभवन के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भी भेजा था.

ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश में बीते दिनों स्वास्थ्य, पीडब्ल्यूडी तथा अन्य विभागों में तबादलों में भ्रष्टाचार के मामले उठने पर राजनीतिक पारा काफी गरम हो गया था. इसी दौरान जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने विभाग के कई बड़े अधिकारियों पर तबादलों में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए. मेरठ के हस्तिनापुर क्षेत्र से विधायक व जलशक्ति राज्य मंत्री दिनेश का 19 जुलाई को इस्तीफे का पत्र वायरल हुआ था. इसमें सिंचाई विभाग के अधिकारियों पर न सिर्फ वित्तीय अनियमितता एवं पैसे लेकर तबादले की बात कही गई, बल्कि दलित मंत्री के साथ भेदभाव के बाद गंभीर आरोप भी थे. अधिकारियों की मनमानी का दर्द बयां किया था.

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