संयुक्त राष्ट्र महासभा में गाजा में सीजफायर (संघर्ष-विराम) का आह्वान करने वाले प्रस्ताव से भारत ने दूरी बना ली. भारत सरकार के इस फैसले पर विपक्षी दलों ने मोदी सरकार की विदेश नीति पर सवाल खड़े किए हैं.
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा -मैं भारत के इस कदम से स्तब्ध और शर्मिंदा हैं. जब मानवता के साथ हर कानून को ताक पर रख दिया गया है तो ऐसे समय में अपना रुख तय नहीं करना और चुपचाप देखते रहना गलत है. गांधी जी ने कहा था कि आंख के बदले आंख पूरी दुनिया को अंधा बना देती है. Israel-Hamas War: इजराइली हमलों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या बढ़कर 7,326 हुई, गाजा में लगा लाशों का ढेर
UN General Assembly Vote for Humanitarian Truce in Gaza pic.twitter.com/J4njArVI82
— The World Ranking (@worldranking_) October 28, 2023
प्रियंका ने आगे कहा, 'जब मानवता के हर कानून को नष्ट कर दिया गया है, लाखों लोगों के लिए भोजन, पानी, चिकित्सा आपूर्ति, संचार और बिजली काट दी गई है और फिलिस्तीन में हजारों पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को खत्म किया जा रहा है, तो स्टैंड लेने से इंकार करना और चुपचाप देखना गलत है.'
“An eye for an eye makes the whole world blind” ~ Mahatma Gandhi
I am shocked and ashamed that our country has abstained from voting for a ceasefire in Gaza.
Our country was founded on the principles of non-violence and truth, principles for which our freedom fighters laid down…
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 28, 2023
प्रियंका गांधी पर भड़के केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह
प्रियंका गांधी के पोस्ट पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा- भारत फिलिस्तीन के साथ खड़ा है. लेकिन प्रियंका गांधी वोट के लिए आतंकवादी हमास के साथ खड़ी है. हमास कोई क्रांतिकारी संगठन नहीं है. हमास एक उग्रवादी संगठन है, हमास मानवता के ऊपर एक कलंक हैं. कांग्रेस को कलंक पसंद है, लेकिन मुझे पसंद नहीं है. भारत में विभेद मत पैदा करो वोट पाने के लिए.'
शरद पवार ने की सरकार की आलोचना
UN में भारत के वोटिंग में शामिल न होने पर NCP चीफ शरद पवार ने कहा, 'फिलिस्तीन मुद्दे पर भारत सरकार के बीच भ्रम की स्थिति है. भारत की नीति फिलिस्तीन का समर्थन करने की थी, इजरायल का नहीं. फिलिस्तीन में हजारों लोग मर रहे हैं और भारत ने कभी इसका समर्थन नहीं किया. इसलिए मौजूदा सरकार में असमंजस की स्थिति बनी हुई है'
क्या बोले असदुद्दीन ओवैसी?
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भारत के स्टैंड पर कहा, 'यह हैरान करने वाला कदम है कि मोदी सरकार ने मानवीय संघर्ष विराम और नागरिक जीवन की सुरक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव पर मतदान करने से इनकार कर दिया. इजरायल ने गाजा में 7028 लोगों की हत्या कर दी है. जिनमें 3000 से अधिक बच्चे और 1700 महिलाएं भी शामिल हैं. युद्ध के बाद वहां के हालात बदतर हो गए हैं.'
It is SHOCKING that @narendramodi govt abstained on the @UN resolution for a humanitarian truce & protection of civilian lives.
7028 people have been killed by Israel in Gaza. Over 3000 of them are children & 1700 women. At least 45% of housing in Gaza has been destroyed. Over… pic.twitter.com/kfg6ayoeZv
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) October 28, 2023
ओवैसी ने कहा, 'यह एक मानवीय मुद्दा है, राजनीतिक नहीं. प्रस्ताव पर रोक लगाकर, भारत वैश्विक दक्षिण, दक्षिण एशिया और ब्रिक्स में अकेला खड़ा है. गाजा को सहायता भेजने के बाद परहेज क्यों? "एक विश्व, एक परिवार" का क्या हुआ? PM मोदी ने हमास के हमले की निंदा की, लेकिन युद्धविराम की मांग पर सहमत नहीं जताई. इसलिए विदेश नीति पर सवाल खड़े हो रहे हैं.'