दिल्ली: केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने किसानों के आंदोलन को लेकर साधा निशाना, कहा- सीएए की तरह किसानों को उकसा रही है कांग्रेस
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के लिए कांग्रेस और राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा है कि दिल्ली में हुई हिंसा की निंदा करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि दोषियों को दंडित किया जाना भी जरूरी है.
नई दिल्ली, 28 जनवरी: केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के लिए कांग्रेस और राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा है कि दिल्ली में हुई हिंसा की निंदा करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि दोषियों को दंडित किया जाना भी जरूरी है. लाल किले पर हुई घटना के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि देश तिरंगे के अपमान को कभी नहीं भूलेगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कभी-कभी ऐसा लगता है कि चुनाव में पराजित हुए ये सभी लोग इकट्ठा होकर देश में माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को भाजपा मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें उन्होंने कहा, "कल हुए दिल्ली दंगों की निंदा करना पर्याप्त नहीं है, जिसने भी इसे उकसाया है उसे सजा मिलनी चाहिए. भारत तिरंगे के अपमान को कभी नहीं भूलेगा. कांग्रेस ने इन किसानों द्वारा लगातार विरोध प्रदर्शनों को हवा दी है."
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जावड़ेकर ने आगे कहा, "राहुल गांधी ने न केवल इनका समर्थन किया है, बल्कि भड़काया भी है. उन्होंने सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम) के दौरान भी ऐसा ही किया था. उन्होंने लोगों को सड़कों पर उतरने के लिए उकसाया था और फिर दूसरे ही दिन से आंदोलन की शुरुआत हुई थी. कांग्रेस ने जानबूझकर किसानों को उकसाया है. कल युवा कांग्रेस और कांग्रेस से संबंधित संगठनों के ट्वीट्स इसके सबूत हैं."
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चुनाव में पराजित होकर कांग्रेस हताश है. कम्युनिस्ट का भी हाल कुछ ऐसा ही है. इसी वजह से वे पश्चिम बंगाल में दोस्ती के नए रास्ते तलाश रहे हैं. कांग्रेस किसी तरह से देश में अशांति फैलाना चाहता है. भाजपा और विशेषकर मोदीजी की लोकप्रियता और सफलता लगातार बढ़ रही है. कांग्रेस और कम्युनिस्ट की कम हो रही है. वे अपने परिवार के शासन के बारे में चिंतित हैं, जिसे लोगों ने अस्वीकार कर दिया है.
किसानों के मुद्दे को हल करने के लिए सरकार के प्रयासों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने 10वें दौर की वार्ता पूरी कर ली है, एक या डेढ़ साल के लिए कानून को रोकने और स्थगित करने पर भी तत्परता दिखाई है. हर बिंदु पर चर्चा कर ये दिखाए कि इन कानूनों के माध्यम से किसके अधिकार का उल्लंघन किया गया है.