नई दिल्ली, 31 मार्च: दिल्ली की अदालत ने शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच की जा रही आबकारी नीति मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी. राउज एवेन्यू कोर्ट के सीबीआई जज एमके नागपाल ने 24 मार्च को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. अदालत ने 20 मार्च को उन्हें तीन अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.
पिछली सुनवाई के दौरान, सिसोदिया के वकील ने कहा था कि सीबीआई द्वारा कुछ भी विशेष नहीं कहा गया है, जिसके लिए हिरासत जारी रखने की आवश्यकता होगी. वकील ने कहा, रिकॉर्ड पर ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे पता चले कि सिसोदिया गवाहों को धमका रहे थे. वकील ने तर्क दिया कि सिसोदिया ने सीबीआई जांच में सहयोग किया है और किसी भी तलाशी में उनके खिलाफ कोई आपत्तिजनक सामग्री सामने नहीं आई है. Gujrat HC On PM Modi's Degree: पीएम मोदी की डिग्री दिखाने का आदेश रद्द, हाई कोर्ट ने केजरीवाल पर लगाया 25 हजार का जुर्माना
इसमें कोई संदेह नहीं है कि मनीष सिसोदिया की समाज में गहरी पकड़ हैं. हर बार जब उन्हें सीबीआई के सामने बुलाया गया तो वह पेश हुए. मैं एक लोक सेवक हूं. इस मामले में दो लोक सेवक रहे हैं, आरोप इससे कहीं अधिक गंभीर हैं. लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं होती है.
वकील ने कहा, गवाहों के साथ छेड़छाड़ या गवाहों को धमकाने आदि का कोई वास्तविक सबूत नहीं है. मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया सिसोदिया को जमानत दें. सीबीआई की ओर से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक डी.पी. सिंह ने कहा था: केवल मोबाइल फोन ही नहीं, फाइलें भी नष्ट हो गईं. मैं बहुत गंभीर हूं कि सबूतों को नष्ट करना एक निरंतर अभ्यास था.
सीबीआई ने सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि इससे उनकी जांच प्रभावित होगी. सिसोदिया ने मंगलवार को इसी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच की जा रही अदालत में जमानत याचिका भी दायर की थी. कोर्ट ने केंद्रीय एजेंसी को नोटिस जारी किया था.
सीबीआई द्वारा 26 फरवरी को आप नेता को गिरफ्तार किए जाने के बाद ईडी ने भी उन्हें इसी मामले में 9 मार्च को गिरफ्तार किया था. ईडी मामले में पिछली सुनवाई के दौरान ईडी द्वारा अदालत को अवगत कराया गया था कि सिसोदिया की हिरासत के दौरान महत्वपूर्ण विवरण सामने आए हैं और उन्हें अन्य आरोपी व्यक्तियों के साथ आमना-सामना कराना है.
जांच एजेंसी ने अदालत को सूचित किया था कि पूर्व उपमुख्यमंत्री के ईमेल और मोबाइल से भारी मात्रा में डेटा का भी फोरेंसिक विश्लेषण किया जा रहा