केंद्र सरकार द्वारा सवर्ण समुदाय को आरक्षण देने के फैसले के खिलाफ दलित-OBC समाज, आन्दोलन की चेतावनी
सवर्ण आरक्षण को राज्यसभा में मंजूरी (Photo Credit-ANI)

नई दिल्ली: दिसम्बर में 5 राज्यों में मिली हार के बाद केंद्र सरकार ने सवर्ण समुदाय को फिर से अपनी ओर आकर्षित करने के लिए 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला लिया. सरकार ने दो दिनों के भीतर इस बिल को संसद के दोनों सदनों में पारित करवा लिया. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने इस बिल का समर्थन किया. मगर मोदी सरकार के इस कदम को लेकर दलित और ओबीसी समुदाय के लोग आंदोलन करने का मन बना रहे हैं. बुधवार को दिल्ली में इसी को लेकर दलित और ओबीसी संगठनों से जुड़े हुए लोगों ने बैठक की. आजतक की खबर के अनुसार इस बैठक में आंदोलन को लेकर रणनीति पर भी विचार-विमर्श किया गया.

बता दें कि मोदी सरकार के अन्य समाजों को मिलने वाले आरक्षण को बिना छुए सवर्ण समुदाय के गरीबों को आरक्षण देने का फैसला किया है. मगर फिर भी दलित समाज और ओबीसी संगठन आक्रामक हो गए हैं. बुधवार को यूपी की राजधानी लखनऊ में अंबेडकर प्रतिमा पर सामाजिक-राजनीतिक संगठानों ने मिलकर सामान्य वर्ग को दिए जाने वाले आरक्षण के विरोध में प्रदर्शन किया.

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वहीं, संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि संसद का शीत सत्र 'ऐतिहासिक' रहा क्योंकि नौकरियों व उच्च शिक्षा में सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10 फीसदी आरक्षण मुहैया कराने वाला विधेयक पारित हो गया. उन्होंने कहा, "यह एक ऐतिहासिक सत्र रहा क्योंकि सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए कोटा मुहैया कराने वाला विधेयक पारित हो गया. इससे करोड़ों लोगों को फायदा होगा."