नई दिल्ली, 6 सितम्बर: दिल्ली की एक अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) द्वारा दायर उस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है, जिसमें उसने उत्तर-पूर्व दिल्ली में हुई हिंसा के मामले को लेकर मनी लॉन्ड्रिंग के सिलसिले में आम आदमी पार्टी (Aam Adami Party) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन की हिरासत रिमांड बढ़ाने की मांग की है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने ईडी की रिमांड अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया है और अब 7 सितंबर को इस पर फैसला होने की संभावना है.
ईडी ने ताहिर हुसैन की और नौ दिनों की हिरासत की मांग की है. ईडी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुसैन को पेश किया और कहा कि कई औपचारिकताओं और हुसैन के मेडिकल परीक्षण के कारण 29 अगस्त के बजाय 31 अगस्त को उसे उनकी कस्टडी मिली.
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इस बीच, हुसैन की ओर से पेश वकील केके मनन ने इस संबंध में विभिन्न फैसलों का हवाला देते हुए ईडी की रिमांड अर्जी का कड़ा विरोध किया. ईडी की ओर से पेश वकीलों अमित महाजन और नवीन कुमार मट्टा ने कहा कि हुसैन ने कई कंपनियों के खातों से धोखाधड़ी कर पैसे ट्रांसफर करके आपराधिक साजिश किया है.
ईडी ने अपनी दलील में कहा, "जो पैसा मिला है वह आपराधिक तरीके से अर्जित है. जो तब विभिन्न अन्य अपराधों को करने के लिए इस्तेमाल किया गया था. हमें उनसे और भी कई दस्तावेजों आदि के साथ पूछताछ के लिए उनकी रिमांड की जरूरत है." ईडी ने अपनी याचिका में कहा कि व्हाट्सएप चैट, फर्जी चालान और कई आपराधिक दस्तावेज बरामद किए गए हैं. इससे पहले अगस्त में, पूर्वी एमसीडी ने हुसैन को पार्षद पद से बर्खास्त कर दिया था.