कोरोना संकट के बीच दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने केंद्र से मांगी 5000 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता
कोरोनावायरस लॉकडाउन के कारण राजस्व घाटे की वजह से दिल्ली सरकार ने रविवार को केंद्र सरकार से 5,000 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद की मांग की. दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार का न्यूनतम मासिक खर्च 3,500 करोड़ रुपये है, जिसमें वेतन और अन्य आधिकारिक खर्च शामिल हैं.
नई दिल्ली, 31 मई. कोरोनावायरस लॉकडाउन के कारण राजस्व घाटे की वजह से दिल्ली सरकार ने रविवार को केंद्र सरकार से 5,000 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद की मांग की. दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार का न्यूनतम मासिक खर्च 3,500 करोड़ रुपये है, जिसमें वेतन और अन्य आधिकारिक खर्च शामिल हैं.
सिसोदिया ने कहा, "पिछले दो महीनों में, कर संग्रह प्रत्येक माह के लिए 500 करोड़ रुपये था. अन्य स्रोतों से 1,735 करोड़ रुपये एकत्र किए गए थे। हालांकि, दो महीने के लिए, हमें 7,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता है। मैंने केंद्र से राष्ट्रीय राजधानी को 5,000 करोड़ रुपये देने का आग्रह किया है. मैंने केंद्रीय वित्त मंत्री (निर्मला सीतारमण) को पत्र लिखकर धन की मांग की है." यह भी पढ़ें-दिल्ली में कन्टेनमेंट जोन घटाने पर बीजेपी ने केजरीवाल सरकार पर साधा निशाना
उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से बाकी राज्यों को जारी आपदा राहत कोष से भी दिल्ली को कोई राशि नहीं मिली. सिसोदिया ने कहा, "हमें अपने शिक्षकों, डॉक्टरों और कोरोनोवायरस के खिलाफ काम करने वाले अन्य कर्मचारियों को वेतन देने की आवश्कता है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से दिल्ली सरकार के कर संग्रह करीब में 85 प्रतिशत की गिरावट हुई है.