अर्थव्यवस्था पर सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस ने बनाया मेगा प्लान, 15-25 अक्टूबर के बीच देश भर में होगा आंदोलन
आर्थिक मंदी के मुद्दे पर कांग्रेस देशभर में आंदोलन करेगी. कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हम आर्थिक मंदी के मुद्दे पर 15-25 अक्टूबर के बीच देश भर में व्यापक तौर पर आंदोलन करेंगे. उन्होंने कहा कि हमने 28-30 सितंबर के बीच आर्थिक मंदी पर राज्य स्तरीय कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधि सम्मेलन का आयोजन करने का निर्णय लिया है.
आर्थिक मंदी (Economic Slowdown) के मुद्दे पर कांग्रेस (Congress) देशभर में आंदोलन करेगी. कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल (KC Venugopal) ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हम आर्थिक मंदी के मुद्दे पर 15-25 अक्टूबर के बीच देश भर में व्यापक तौर पर आंदोलन (Massive Agitation) करेंगे. उन्होंने कहा कि हमने 28-30 सितंबर के बीच आर्थिक मंदी पर राज्य स्तरीय कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधि सम्मेलन का आयोजन करने का निर्णय लिया है. इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने देश की अर्थव्यवस्था (Economy) के 'मुश्किल' हालात पर चिंता जताई और कहा कि मौजूदा समय में पार्टी को आंदोलनकारी एजेंडे की जरूरत है.
सोनिया गांधी ने पार्टी महासचिवों, प्रदेश अध्यक्षों, पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं की बैठक में यह टिप्पणी की. सूत्र के मुताबिक, सोनिया गांधी ने कहा, ‘कांग्रेस को आंदोलनकारी एजेंडे पर चलने की जरूरत है. हमारे संकल्प और संयम की परीक्षा ली जा रही है.’ सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर चिंता जताई.
बैठक में सोनिया गांधी के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, पार्टी के वरिष्ठ नेता एके एंटनी, अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा पार्टी के कई महासचिव-प्रदेश प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता शामिल रहे. यह भी पढ़ें- Maths से नहीं चलती अर्थव्यव्स्था, Einstein को Gravity की खोज में मैथ्स ने नहीं की मदद: पीयूष गोयल.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी की गैर-मौजूदगी पर पूछे गए सवाल पर कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह ने कहा कि यह महासचिवों, महासचिवों के प्रभारी और राज्य अध्यक्षों/सीएलपी नेताओं की बैठक थी, केवल उन्हें बैठक में आमंत्रित किया गया था.