महाराष्ट्र: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण का शिवसेना पर निशाना, कहा-राम मंदिर को लेकर कभी नहीं रही गंभीर
लोकसभा चुनाव से पहले शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के अयोध्या दौरे के फैसले पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने सवाल उठाते हुए कहा कि शिवसेना इस मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं है.
मुंबई: लोकसभा चुनाव से पहले शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के अयोध्या दौरे के फैसले पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने सवाल उठाते हुए कहा कि शिवसेना इस मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं है. शिवसेना प्रमुख के अयोध्या दौरे को लेकर चव्हाण ने कहा,' उद्धव ठाकरे आए दिन एक नया बयान देते हैं. अयोध्या में राम मंदिर को लेकर भी उन्होंने कुछ वैसा ही बयान दिया है. कांग्रेस नेता ने शिवसेना को घेरते हुए कहा कि उन्होंने राम मंदिर का मुद्दा सिर्फ 2019 के लोकसभाचुनावों के मद्देनजर उठाया है.
चव्हाण ने कहा कि शिवसेना कभी भी राम मंदिर के मुद्दे पर गंभीर नहीं रही है. हर बार चुनाव के नजदीक आते ही राम मंदिर का नाम बार-बार लिया जाता रहा है.
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि राष्ट्रीय मुद्दों पर पर शिवसेना नेतृत्व ने कभी गंभीरता का परिचय नहीं दिया. शिवसेना का इतिहास इस बात का गवाह है. उसका स्टैंड संवेदनशील मामलों पर हमेशा भड़काने वाला रहता है. बता दें कि अशोक चव्हाण की यह प्रतिक्रिया उस बयान के पर है जिसमें शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा था कि मैं 25 नवंबर को अयोध्या का दौरा करूंगा. पीएम मोदी ने रचा इतिहास, साल में दूसरी बार लाल किले की प्राचीर पर फहराया तिरंगा
राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला अंतिम
चव्हाण ने कहा कि हमारा देश संविधान के आधार पर कार्य करता है. अदालत द्वारा जो भी निर्णय लिया जाएगा उस पर अमल किया जाएगा. केंद्र सरकार को भी इसी रुख पर काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि राम मंदिर विश्वास का विषय है. लेकिन इसका विवाद इतना गंभीर और संवेदनशील मुद्दा बन चुका है कि इसका राजनीतिक समाधान उचित नहीं रहेगा. इसलिए सभी को चाहिए कि वो राम मंदिर विवाद का समाधान सुप्रीम कोर्ट पर छोड़ दें. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा- बीजेपी की 'नफरत की विचारधारा' साझा करती है एमआईएम
बता दें कि राम मंदिर के निर्माण में देरी को लेकर उद्धव ठाकरे ने 18 अक्टूबर को ऐलान किया था कि वो 25 नवंबर को अयोध्या के दौरे पर जाएंगे. उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे की पुण्यतिथि (17 नवंबर) के बाद अयोध्या और काशी की यात्रा का ऐलान बीजेपी पर दबाव बढ़ाने के लिए किया है.