पीएम मोदी ने रचा इतिहास, साल में दूसरी बार लाल किले की प्राचीर पर फहराया तिरंगा
पीएम मोदी ने साल में दूसरी बार लाल किले की प्राचीर पर फहराया तिरंगा (Photo Credit-ANI)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक नया इतिहास रचा है. पीएम ने रविवार को लाल किले की प्राचीर पर राष्ट्रध्वज फहराया. वैसे तो देश के प्रधानमंत्री सिर्फ 15 अगस्त को ही ऐतिहासिक लाल किले से राष्ट्रध्वज फहराते हैं लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी ने सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व वाली 'आजाद हिंद सरकार' की 75वीं जयंती पर लाल किले में तिरंगा फहराकर इस इतिहास को बदल कर एक नया इतिहास कायम किया है. पीएम मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने साल में दूसरी बार लाल किले पर तिरंगा फहराया है.

ये मौका इसलिए खास है क्योंकि अब तक देश के किसी भी प्रधानमंत्री ने ऐसा नही किया है. अभी तक प्रधानमंत्री द्वारा केवल 15 अगस्त को ही लाल किले पर झंडारोहण किया जाता रहा है. पीएम के आज के कार्यक्रम में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और भारी मात्रा में जवानों की तैनाती की गई है. पीएम मोदी ने नेशनल पुलिस मेमोरियल का किया उद्घाटन, भावुक होकर शहीदों को दी श्रद्धांजलि

75 साल पहले आज के ही दिन 21 अक्टूबर 1943 को सुभाष चंद्र बोस ने आजाद भारत की पहली अस्थाई सरकार बनाई थी, इस मौके पर पीएम ने तिरंगा फहराकर उन्हें श्रद्धांजलि है. कार्यक्रम में आजाद हिंद फौज के सिपाही लाती राम और सुभाष चंद्र बोस के परिवार के सदस्य भी शामिल हुए.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ''ये दुखद है कि एक परिवार को बड़ा बताने के लिए, देश के अनेक सपूतों, वो चाहें सरदार पटेल हों, बाबा साहेब आंबेडकर हों, उन्हीं की तरह ही, नेताजी के योगदान को भी भुलाने का प्रयास किया गया.''

नेताजी के माता-पिता को पीएम ने किया नमन 

इस मौके पर नेता जी सुभाष चंद्र बोस को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री ने कहा, ''आज मैं उन माता पिता को नमन करता हूं जिन्होंने नेता जी सुभाष चंद्र बोस जैसा सपूत देश को दिया. मैं नतमस्तक हूं उस सैनिकों और परिवारों के आगे जिन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई में खुद को न्योछावर कर दिया.''

सुभाष चंद्र बोस के नाम पर बनेगा संग्रहालय

केंद्र सरकार की योजना लाल किले पर सुभाष चंद्र बोस के नाम पर एक संग्रहालय खोलने की भी है. इस संग्रहालय में आज़ाद हिंद फौज के इतिहास और भारत की आजादी में उसकी लड़ाई से जुड़ी स्मृतियों को सहेजा जाएगा.

पीएम ने कहा, ''आज मैं निश्चित तौर पर कह सकता हूं कि स्वतंत्र भारत के बाद के दशकों में अगर देश को सुभाष बाबू, सरदार पटेल जैसे व्यक्तित्वों का मार्गदर्शन मिला होता, भारत को देखने के लिए वो विदेशी चश्मा नहीं होता, तो स्थितियां बहुत भिन्न होती.''

पीएम मोदी ने शनिवार को इसकी घोषणा एक वीडियो संदेश से की. इस संदेश में पीएम मोदी ने बोस समेत उन शख्‍सियतों का जिक्र किया जिन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया. पीएम मोदी ने इस वीडियो संदेश में बताया कि आखिर क्यों वे नेता जी को सम्मान देने के लिए साल में दूसरी बार लाल किले से तिरंगा फहराएंगे.