नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) वैक्सीन का इंतजार सभी देशवासियों के लिए रविवार को खत्म हो गया है. महामारी से निजात दिलाने में सीरम इंस्टीट्यूट (Serum Institute) की 'कोविशील्ड' (Covishield) और भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की 'कोवैक्सीन' (Covaxin) उम्मीद की नई किरण बन कर आई है. हालांकि अब कोरोना वैक्सीन को लेकर जमकर राजनीति हो रही है. देश के कई नेता राजनीतिकरण के चक्कर में मूल समस्या को ही भूल गए है. COVID-19 वैक्सीन पर सवाल उठाने वाले नेताओं को स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने सुनाई खरी-खरी, कहा- तुम खुद को बदनाम कर रहे हो
बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा (Ajit Sharma) ने कहा कि कोविड-19 वैक्सीन पर जनता को भरोसा दिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहली खुराक लेनी चाहिए. कांग्रेस के दिग्गज नेता ने कहा “नए साल में दो वैक्सीन आए हैं, यह खुशी की बात है लेकिन इसको लेकर लोगों के बीच संशय भी है. इस संशय को दूर करने के लिए जिस तरीके से रूस और अमेरिका के राष्ट्राध्यक्ष ने पहला टीका लेकर लोगों को विश्वास में लिया है, मेरा मानना है कि पीएम मोदी और बीजेपी के सबसे वरिष्ठ नेता को पहला टीका लेकर लोगों का विश्वास जीतना चाहिए.”
बीजेपी पर कोरोना वैक्सीन का क्रेडिट लेने का आरोप लगाते हुए शर्मा ने कहा, “वैक्सीन आने के बाद बीजेपी हर तरफ थाली पिटवा रही है और खुशी मना रही है, लेकिन कांग्रेस को भी श्रेय मिलना चाहिए क्योंकि कांग्रेस के ही कार्यकाल में ये दोनों कंपनियां (सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बॉयोटेक) स्थापित हुई थीं.”
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस महामारी के विरुद्ध जारी जंग में भारत ने बड़ी सफलता हासिल की है. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने रविवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के 'कोविशील्ड' वैक्सीन और भारत बायोटेक के 'कोवैक्सीन' को आपात उपयोग के लिए मंजूरी दे दी. इससे व्यापक पैमाने पर टीकाकरण अभियान का रास्ता साफ हो गया है. कोविडशील्ड को भारत में सीरम इंस्टीट्यूट बना रहा है. देश को कोरोना वायरस से निजात दिलाने में इन दोनों वैक्सीनो की भूमिका अहम मानी जा रही है.