राहुल गांधी को लेकर कांग्रेस में मचा घमासान, आपस में भिड़े पार्टी के वरिष्ठ नेता
देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस में महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों से ठीक पहले घमासान मचा हुआ है. पार्टी के अंदर नेतृत्व से नाराजगी और अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ रही है. इसके चलते आगामी चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन पर सवालिया निशान लग गया है.
नई दिल्ली: देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस (Congress) में महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों से ठीक पहले घमासान मचा हुआ है. पार्टी के अंदर नेतृत्व से नाराजगी और अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ रही है. इसके चलते आगामी चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन पर सवालिया निशान लग गया है. हाल ही में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) द्वारा कांग्रेस का अध्यक्ष पद छोड़ने का फैसला गलत बताया था. खुर्शीद के इस बयान के बाद पार्टी में एक नई बहस छीड़ गई.
यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान विदेश मंत्री रह चुके सलमान खुर्शीद ने राहुल गांधी के फैसले पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि उन्हें अध्यक्ष पद पर बने रहना चाहिए था. उन्होंने कहा “हमारे आग्रह के बावजूद, राहुल गांधीजी ने पद से इस्तीफा दे दिया. कई लोगों ने उन्हें पद पर बने रहने का आग्रह किया, लेकिन उन्होंने पद छोड़ दिया. यह उनका निर्णय था और हमें इसका आदर करना चाहिए.”
खुर्शीद का बयान ऐसे समय आया जब महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव में महज दो सप्ताह से भी कम समय बचा है और कांग्रेस का कोई भी शीर्ष नेता चुनाव प्रचार में ज्यादा दिलचस्पी लेता नहीं दिख रहा है.
सलमान खुर्शीद के इस बयान का लोकसभा में पार्टी नेता अधीर रंजन चौधरी ने बिना नाम लिए निशाना साधा. उन्होंने बुधवार को कहा कि राहुल जैसे नेता मौजूदा राजनीति में बिरले ही होते हैं जिन्होंने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपना पद त्याग दिया.
पश्चिम बंगाल में पांच बार से लोकसभा सदस्य चौधरी ने पीटीआई से कहा था कि ‘‘मैंने कुछ नेताओं के बयानों के बारे में सुना है. मैं सिर्फ यही कहूंगा, हां, अच्छा होता अगर राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष बने रहते. लेकिन साथ ही हमें नैतिक जवाबदेही की मिसाल की भी सराहना करनी चाहिए जो उन्होंने सबके सामने पेश की है.’’
साथ ही उन्होंने कहा कि अगर राहुल लौटते हैं तो हम सभी को अच्छा लगेगा. चौधरी ने कहा, ‘‘क्या आप किसी अन्य पार्टी में ऐसा कोई उदाहरण दे सकते हैं जहां नेता ने पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेते हुए पद छोड़ दिया है? इसका जवाब नहीं है. राहुल जी ने अपने कदमों के जरिए एक संदेश दिया है कि अधीनस्थों को व्याख्यान देने से पहले नेता को खुद उदाहरण स्थापित करना चाहिए.’’
उधर, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी की वर्तमान स्थिति को लेकर बड़ा देते हुए कहा कि कांग्रेस को आत्म अवलोकन की जरूरत है और पार्टी की आज जो स्थिति है, उसका जायजा लेकर सुधार करना समय की मांग है. सिंधिया ने यह बात पार्टी के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद के बयान के संबध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कही.
बता दें कि लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद राहुल गांधी ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि उनके इस फैसले से पार्टी के शीर्ष नेता नाखुश थे. कई असंतुष्ट नेताओं ने दावा किया था कि राहुल के इस्तीफे ने पार्टी समर्थकों और नेताओं दोनों को अधर में छोड़ दिया है. मौजूदा समय में कांग्रेस की कमान सोनिया गांधी को पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष बनाकर सौंपी गई है.