कांग्रेस ने नहीं छोड़ी मायावती से गठबंधन की आस, कहा- ‘कपड़े में सिलवटें हैं तो बैठकर दूर कर लेंगे’
बीएसपी प्रमुख मायावती और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (File Photo)

नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती द्वारा मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा चुनावों में गठबंधन से इंकार करने के बाद कांग्रेस ने जवाब दिया है. कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि बसपा के साथ किसी भी मनमुटाव को दूर किया जा सकता है. दरअसल बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं हो पाने के लिये वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को जिम्मेदार ठहराते हुए साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेगी.

बसपा प्रमुख मायावती के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि हम उनकी भावनाओं का आदर करते हैं. उन्होंने कहा कि अगर राहुल गांधी, सोनिया गांधी और मायावती में सद्भाव है तो इसमें कोई व्यवधान नहीं डाल सकता है. कोई भी चौथा व्यक्ति बीच में नहीं आ सकता है. साथ ही सुरजेवाला ने कहा, "अगर कपड़े में सिलवटें हैं तो हम सद्भाव और प्रेम के साथ उन्हें बैठकर दूर कर लेंगे."

पार्टी द्वारा जारी एक बयान में मायावती ने बुधवार को कहा ‘‘कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह जैसे लोग यह चुनावी समझौता कतई होने नहीं देना चाहते हैं.’’ इतना ही नहीं उन्होंने आरोप लगाया कि दिग्विजय सिंह ने अपने निजी स्वार्थ में बीजेपी और केन्द्र सरकार की एजेंसियों, सीबीआई तथा ईडी से घबराकर कांग्रेस की गोवा में सरकार नहीं बनने दी थी.

मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी राजस्थान और मध्य प्रदेश में या तो अकेले चुनाव लड़ेगी या फिर क्षेत्रीय दलों के साथ मिलकर लड़ेगी, लेकिन कांग्रेस के साथ गठजोड़ नहीं करेगी. इतना ही नहीं उन्होंने कांग्रेस पर बसपा को ‘खत्म’ करने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया.

मायावती ने कहा कि कांग्रेस के इस रवैये का फायदा उठाकर ही भाजपा केन्द्र और कई राज्यों की सत्ता में काबिज हुई है. उन्होंने आगे कहा “चुनावी गठबंधन के मामले में कांग्रेस का रवैया हमेशा की तरह बीजेपी को परास्त करने का नहीं बल्कि अपनी विपक्षी पार्टियों को ही परास्त करने का ज्यादा रहता है.”

हालांकि कांग्रेस नेतृत्व के प्रति मायावती ने नरमी दिखाते हुए यह भी कहा ‘‘एक तरफ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी संरक्षक सोनिया गांधी, दोनों चाहते हैं कि देश में लोकसभा एवं इससे पहले जिन राज्यों में भी विधानसभा चुनाव होने हैं, वहाँ कांग्रेस तथा बसपा मिलकर चुनाव लड़ें. जिससे बीजेपी को सत्ता में आने से रोका जा सके.’’