Rajasthan Political Crisis: राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच कांग्रेस आलाकमान ने मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ को दिल्ली बुलाया है. कमलनाथ दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं. बताया जा रहा है कि कमलनाथ गहलोत गुट और पायलट गुट के विधायकों के बीच मध्यस्थता करेंगे. इससे पहले भी कांग्रेस ने महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम के समय कमलनाथ को मुंबई भेजा था. Rajasthan Political Crisis: BJP का वार, राजेंद्र राठौर ने कहा- जब पूरे मंत्री मंडल ने त्यागपत्र दे ही दिया है, तो अकेले मुख्यमंत्री क्या करेंगे
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. इसके बाद से चर्चा थी कि गहलोत के अध्यक्ष बनने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ेगा और उनकी जगह सचिन पायलट लेंगे. सोनिया गांधी ने इसके लिए सचिन पायलट और अशोक गहलोत से बात भी की थी. हालांकि, सचिन पायलट को लेकर कोई ऐलान होता, उससे पहले ही राजस्थान में बगावत हो गई और अशोक गहलोत खेमे के करीब 90 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया. गहलोत गुट का दावा है कि उनके खेमे में 92 विधायक हैं. वहीं सचिन पायलट को महज 16 ही विधायकों का समर्थन बताया जा रहा है.
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि सोनिया गांधी ने मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन से राजस्थान में सियासी हालातों पर रिपोर्ट मांगी है. उधर, बताया जा रहा है कि गहलोत भी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन टाल सकते हैं. सचिन पायलट इंतजार कर रहे हैं कि इस पूरे मामले में गांधी परिवार दखल दे और गहलोत के खिलाफ कोई कदम उठाए. केसी वेणुगोपाल से अशोक गहलोत से बात करने के लिए कहा गया है.
कांग्रेस आलाकमान ने मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ को तुरंत दिल्ली पहुंचने के लिए कहा। राजस्थान कांग्रेस संकट में उनके मध्यस्थता करने की संभावना है: सूत्र
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— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 26, 2022
आलाकमान अशोक गहलोत के रवैये से खासा नाराज है. पार्टी का कहना है कि राजस्थान में सब कुछ अशोक गहलोत से पूछ कर ही किया गया था. उसके बावजूद भी जिस ढंग से यह सब तमाशा किया गया, यह ठीक नहीं है. राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर जारी राजनीतिक ड्रामे के बीच, भाजपा ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने का संकेत दिया.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने ट्वीट किया, इतनी अनिश्चितता तो आज भारत-आस्ट्रेलिया क्रिकेट मैच में भी नहीं है जितनी राजस्थान की कांग्रेस पार्टी में नेता को लेकर है. विधायकों की बैठकें अलग चल रही हैं, इस्तीफों का सियासी पाखंड अलग चल रहा है. ये क्या राज चलाएंगे, कहां ले जाएंगे ये राजस्थान को, अब तो भगवान बचाए राजस्थान को.