Tirupati Laddu Prasadam Row: तिरुपति प्रसादम विवाद पर कांग्रेस ने की सीबीआई जांच की मांग, सीएम चंद्रबाबू नायडू पर लगाया गंभीर आरोप
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Tirupati Laddu Prasadam Row: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया है कि पिछली जगन मोहन रेड्डी सरकार के दौरान तिरुपति मंदिर के लड्डू बनाने में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया था. इस दावे के बाद बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने इस पर संज्ञान लिया है और बताया कि उन्होंने तिरुपति लड्डू मुद्दे पर आंध्र प्रदेश के सीएम से पूरी रिपोर्ट मांगी है. रिपोर्ट मिलने के बाद इसकी जांच की जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी. वहीं, इस मामले में युवजन श्रमिक रायथु कांग्रेस पार्टी (YSRCP) ने कहा है कि मुख्यमंत्री राजनीतिक लाभ के लिए "घृणित आरोप" लगा रहे हैं, जबकि तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने इस दावे के समर्थन में एक प्रयोगशाला की रिपोर्ट प्रसारित की है.

वहीं इस मामले में आंध्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी की बहन वाईएस शर्मिला ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने तत्काल सीबीआई जांच का आदेश देने का अनुरोध किया है.

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तिरुपति प्रसादम विवाद पर कांग्रेस ने की सीबीआई जांच की मांग

शर्मिला ने पत्र में लिखा, "तिरुमाला में भगवान बालाजी का लड्डू प्रसाद लाखों तीर्थयात्रियों और भक्तों के लिए बहुत धार्मिक महत्व रखता है. इसे बनाने की परंपरा प्राचीन परंपराओं और रीति-रिवाजों से जुड़ी हुई है. आंध्र प्रदेश के सीएम नारा चंद्रबाबू नायडू द्वारा घी में पशु वसा के इस्तेमाल के बारे में हाल ही में दिए गए बयान ने काफी चिंता पैदा की है. 18 सितंबर को एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान उन्होंने दावा किया कि लड्डू प्रसादम में इस्तेमाल किए जाने वाले घी में मृत जानवरों की चर्बी और मछली का तेल होता है. यह पिछले कुछ सालों में लड्डू प्रसादम की गुणवत्ता को लेकर शिकायतों की एक श्रृंखला के बीच आया है, फिर भी किसी भी सरकार ने कोई जांच शुरू नहीं की है.''

शर्मिला ने आगे लिखा कि मुख्यमंत्री के बयान की गंभीरता सत्तारूढ़ टीडीपी के एनडीडीबी काफ लिमिटेड की प्रयोगशाला रिपोर्ट के दावों से और बढ़ जाती है, जिसमें घी के नमूनों में गोमांस की चर्बी और संभवतः अन्य पशु वसा की मौजूदगी का संकेत दिया गया है. हालांकि, राज्य सरकार या तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) बोर्ड की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. 6 जुलाई 2024 की रिपोर्ट में वसा और मछली के तेल की मौजूदगी का भी सुझाव दिया गया है. यह चिंताजनक है कि रिपोर्ट जमा होने के दो महीने बाद भी राज्य सरकार ने जांच शुरू नहीं की है. करोड़ों भक्तों की भावनाएं दांव पर लगी हैं और अगर यह सच साबित होता है, तो यह मामला राज्य के मुद्दों से परे जाकर अपवित्रता का गंभीर मामला बन जाता है.

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, हम आपसे तत्काल सीबीआई जांच का आदेश देने का अनुरोध करते हैं. यदि आरोप सही हैं, तो जिम्मेदार लोगों को उनके राजनीतिक संबंधों या सामाजिक स्थिति की परवाह किए बिना सख्त कानूनी परिणामों का सामना करना चाहिए. तिरुमाला हमारे देश के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है, और यह जरूरी है कि यह राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त रहे. हम मांग करते हैं कि आप इस गंभीर मामले की तत्काल जांच का आदेश दें.

एजेंसी इनपुट के साथ...