नई दिल्ली : कांग्रेस (Congress) और कई अन्य विपक्षी दलों ने उन्नाव बलात्कार पीड़िता के सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल होने का मुद्दा बुधवार को भी लोकसभा में उठाया और सरकार पर चुप्पी साधने का आरोप लगाते हुए सदन से वाकआउट किया. सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि हमने मंगलवार को यहां उन्नाव का मामला उठाया था और गृह मंत्री के बयान की मांग की थी.
अब पीड़ित परिवार का कहना है कि उनको जान से मारने और जेल में डालने की धमकी दी जा रही है. सीबीआई जांच चल रही है, तो फिर ऐसा क्यों हो रहा है? उन्होंने कहा कि इसी सदन में जब पीठासीन सभापति रमा देवी के बारे में यहां गलत शब्द बोला गया था तो समूचे सदन ने उसकी निंदा की थी. सरकार के मंत्री भी इस पर खूब बोले.
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चौधरी ने कहा कि अब सरकार इस मामले पर चुप क्यों हैं? इस पर सरकार और गृह मंत्री जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं? इस दौरान भाजपा के कई सदस्य अपने स्थान पर खड़े होकर चौधरी की बात का विरोध करते नजर आए. इस दौरान दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक हुई. चौधरी ने कहा कि सरकार उनकी बात नहीं सुन रही है इसलिए वे वाकआउट कर रहे हैं.
सदन में कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी भी मौजूद थीं. इसके बाद कांग्रेस और द्रमुक, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी तथा आईयूएमएल के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया. आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने उत्तर प्रदेश में एक युवक को कथित तौर पर जलाए जाने का मुद्दा उठाया और दावा किया कि ‘जय श्रीराम’ नहीं बोलने पर इस घटना को अंजाम दिया गया.
इसके बाद वह सदन से वाकआउट कर गए. तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि जब पश्चिम बंगाल का मुद्दा यहां उठाया जाता है तो फिर उत्तर प्रदेश का मुद्दा क्यों नहीं उठाया जा सकता? इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सदस्यों ने सहमति बनाई थी कि यहां राज्यों के विषय नहीं उठाए जाएंगे.
अगर आप लोग सहमत हैं कि राज्यों के विषय उठाए जाएं तो मुझे कोई दिक्कत नहीं है. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने मंगलवार को भी लोकसभा में उन्नाव का मामला उठाया था और गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग करते हुए नारेबाजी की तथा सदन से वाकआउट किया.