नई दिल्ली.नागरिकता संशोधन कानून 2019 को लेकर पूर्वोत्तर, पश्चिम बंगाल के बाद रविवार को देश की राजधानी दिल्ली में प्रदर्शन हिंसक हो गया. जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने दक्षिण पूर्व दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में डीटीसी की कई बसों और एक अग्निशमन गाड़ी में आग लगा दी. पुलिस ने बताया कि इस हिंसक प्रदर्शन में एक सिपाही और दो दमकलकर्मी जख्मी हो गए. हालांकि, जामिया मिल्लिया छात्रों के समूह ने बयान जारी कर नागरिकता अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा से खुद को अलग किया. वही हिंसक प्रदर्शन के मद्देनजर डीएमआरसी ने सुखदेव विहार, जामिया मिलिया इस्लामिया, ओखला विहार, जसोला विहार और शाहीन बाग के एंट्री और एग्जिट गेट बंद हैं. इन स्टेशनों पर ट्रेनें नहीं रुकेंगी.
बता दें कि दिल्ली बीजेपी चीफ मनोज तिवारी ने आम आदमी पार्टी के विधायक पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है. मनोज तिवारी ने कहा कि आप विधायक ने हिंसा को भड़काया है. यह भी पढ़े-बंगाल: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ राज्य के कई हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित
दिल्ली अग्निशमन सेवा के एक अधिकारी ने कहा कि घटनास्थल पर दमकल की चार गाड़ियां भेजी गई हैं. प्रदर्शनकारियों की हिंसा में एक दमकल गाड़ी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और दो कर्मी जख्मी हो गए. कांग्रेस से संबद्ध नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय सचिव सिमॉन फारूकी ने दावा किया कि प्रदर्शनकारी शांतिपूर्ण तरीके से मथुरा रोड पर बैठे थे तभी पुलिस ने उनमें से कुछ को ‘‘परेशान’’ करने का प्रयास किया जिसका उन्होंने विरोध किया.
Security Update
Entry & exit gates of Sukhdev Vihar, Jamia Millia Islamia, Okhla Vihar and Jasola Vihar Shaheen Bagh are closed. Trains will not be halting at these stations.
— Delhi Metro Rail Corporation (@OfficialDMRC) December 15, 2019
जामिया मिल्लिया इस्लामिया छात्रों के एक समूह ने कहा कि हिंसा और आगजनी से उनका कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने आरोप लगाए कि ‘‘स्थानीय तत्व’’ प्रदर्शन में शामिल हो गए और उन्होंने इसे ‘‘बाधित किया.’’ उन्होंने कहा कि प्रदर्शन हिंसक हो जाने के कारण वे परिसर में लौट आए और परिसर में शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे हैं.
कुछ प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि जब वे शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे थे तो पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया. फारूकी ने कहा कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े.
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन बिल 2019 राज्यसभा और लोकसभा से पारित होने के बाद देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से इसे मंजूरी मिलने के बाद कानून में बदल गया. वही राज्यसभा में बिल के पक्ष में 125 वोट और विरोध में 99 वोट पड़े थे. जबकि लोकसभा में इस विधेयक के पक्ष में 311 और विरोध में 80 वोट पड़े.
(भाषा इनपुट के साथ)