उत्तर प्रदेश: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ साधा निशाना, कहा- पूर्व सरकारों में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी थीं परीक्षाएं

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्य में बनी पूर्व की सरकारों पर निशाना साधते हुए शनिवार को यहां कहा कि पूर्व सरकारों के दौरान चयन परीक्षाएं बेईमानी और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई थीं, जिसमें उनकी सरकार ने वापस पारदर्शिता कायम की है. मुख्यमंत्री योगी ने लोकसेवा आयोग की मेरिट के आधार पर प्रतिभागी नवचयनित सहायक अभियंताओं को लोकभवन में प्रमाण पत्र सौंपे.

CM योगी आदित्यनाथ (Photo Credits: ANI)

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने राज्य में बनी पूर्व की सरकारों पर निशाना साधते हुए शनिवार को यहां कहा कि पूर्व सरकारों के दौरान चयन परीक्षाएं बेईमानी और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई थीं, जिसमें उनकी सरकार ने वापस पारदर्शिता कायम की है. मुख्यमंत्री योगी ने लोकसेवा आयोग की मेरिट के आधार पर प्रतिभागी नवचयनित सहायक अभियंताओं (सिविल-यांत्रिक) को लोकभवन में प्रमाण पत्र सौंपे.

इस दौरान उन्होंने कहा, "वर्ष 2011-13 से यह प्रक्रिया प्रारंभ हुई थी. लोकसेवा आयोग को यह प्रक्रिया आगे बढ़ाना था, लेकिन पिछली सरकारों की नीयत साफ न होने से इसे अटकाए रखा गया. पिछली सरकारों में यह महत्वपूर्ण परीक्षा बेईमानी और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई. वर्ष 2017 में जब हमारी सरकार आई, तो पूरी शुचिता और पारदर्शी तरीके से इस कार्य को आगे बढ़ाया गया. जिसका आज बड़ा ही सकारात्मक परिणाम आप सबके सामने है."

यह भी पढ़ें : उत्तर प्रदेश: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में ‘रन फॉर यूनिटी’ को दिखाई हरी झंडी

मुख्यमंत्री ने कहा, "डिग्री लेना आपका सैद्धांतिक पक्ष है, इसे व्यवहारिक रूप में उतारने का अब आपको मौका मिला है. आप सभी प्रदेश की 23 करोड़ जनता तथा खासकर किसानों के जीवन में खुशहाली ला सकते हैं. आज 544 सहायक अभियन्ता सरकार के हिस्सा बने हैं. आप सभी को ईमानदारी और पारदर्शी तरीके से प्रमाण पत्र हासिल हुआ है."

उन्होंने कहा, "जिस तरह से हमारी सरकार पूरी शुचिता और पारदर्शी तरीके से आप सभी सहायक अभिन्ताओं की भर्ती और पोस्टिंग कर रही है, उसी तरह आप सभी अपने दैनिक जीवन में इस शुचिता और पारदर्शिता को अंगीकार करें, जिससे आप सभी को कभी भी सिफारिश करने की जरूरत ही न पड़े."

उन्होंने कहा, "दो महत्वपूर्ण कार्य सभी को करने होंगे. पहला बाढ़ नियंत्रण कर जनधन हानि को रोकना और दूसरा सिंचाई परियोजनाओं को समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ाना. इससे सीधे तौर पर किसान लाभान्वित होंगे." मुख्यमंत्री योगी ने कहा, "मिर्जापुर में बाणसागर परियोजना 41 वर्षों से लंबित थी. 1973-74 में इस परियोजना को योजना आयोग ने स्वीकृति दी. वर्ष 1978 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने इसे शुरू करवाया. 41 वर्षों में यह परियोजना पूरी नहीं हो सकी, क्योंकि पिछली सरकारों के एजेंडे में किसान नहीं थे."

योगी ने कहा कि "आज 2 लाख हेक्टेअर भूमि के सींचने की सुविधा प्रदेश में है. इसे बढ़ाकर 14 लाख हेक्टेयर करवाने के लिए कार्य हो रहा है." उन्होंने कहा, "कुछ साल पहले तक अयोध्या में श्रीराम की पैड़ी का पानी सड़ रहा था. सिंचाई विभाग ने राम की पैड़ी को आज स्नान करने के लायक बना दिया है. सिंचाई विभाग की ठोस कार्ययोजना से ही प्रदेश इस बार बाढ़ की चपेट में नहीं आया."

Share Now

\