CAA Protest: राहुल गांधी बोले-देश की आवाज दबाने के लिए धारा 144 लागू नहीं कर सकती है सरकार, ऐसा करना भारत की आत्मा का अपमान है

नागरिकता संशोधन कानून 2019 के विरोध में देश के कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन जारी है. पूर्वोत्तर से शुरू हुआ विरोध उत्तर और दक्षिण भारत में पहुंच गया है. राजधानी दिल्ली में पिछले सप्ताह से ही हिंसक घटनाएं सामने आ रही हैं. जामिया के बाद विरोध की आग उत्तर प्रदेश पहुंच गयी है. इसी को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि सरकार के पास ये अधिकार नहीं है कि वह भारत के लोगों की आवाज दबाने के लिए धारा 144 लागू करे.

राहुल गांधी (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन कानून 2019 (Citizenship Amendment Act) के विरोध में देश के कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन जारी है. पूर्वोत्तर से शुरू हुआ विरोध उत्तर और दक्षिण भारत में पहुंच गया है. राजधानी दिल्ली में पिछले सप्ताह से ही हिंसक घटनाएं सामने आ रही हैं. जामिया के बाद विरोध की आग उत्तर प्रदेश पहुंच गयी है. इसी को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Congress Leader Rahul Gandhi) ने केंद्र की मोदी सरकार (Modi Govt) पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि सरकार के पास ये अधिकार नहीं है कि वह भारत के लोगों की आवाज दबाने के लिए धारा 144 लागू करे.

राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा कि इस सरकार को मेट्रो ट्रेनों को रोकने, भारत की आवाज को दबाने सहित शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए धारा 144 लगाने और कॉलेजों, टेलीफोनों व इंटरनेट को बंद करने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि ऐसा करना भारत की आत्मा का अपमान है. साथ ही नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) के विरोध में लोग शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. यह भी पढ़े-CAA Protest: गुवाहाटी हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, असम सरकार से कहा-मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल करें

राहुल गांधी का ट्वीट-

उल्लेखनीय है कि नागरिकता संशोधन बिल 2019 लोकसभा-राज्यसभा से पास हो गया है. साथ ही इसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से हरी झंडी मिल गयी है. जिसके बाद यह कानून बन गया है. इस कानून में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिम जिसमे हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रस्ताव है.

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