सुप्रीम कोर्ट के रुख से जगी उन्नाव बलात्कार पीड़िता को इंसाफ मिलने की उम्मीद: बीएसपी प्रमुख मायावती
मायावती (Photo Credit- IANS)

लखनऊ : बसपा प्रमुख मायावती (Mayawati) ने उन्नाव बलात्कार कांड पीड़िता द्वारा प्रधान न्यायाधीश को लिखे पत्र को उनके सामने नहीं रखे जाने पर उच्चतम न्यायालय के रुख का स्वागत करते हुए बुधवार को कहा कि इससे उस युवती को इंसाफ मिलने की उम्मीद जगी है. मायावती ने 'ट्वीट' किया ''उन्नाव बलात्कार पीड़िता और उसके परिवार की हत्या का प्रयास और मुकदमों की वापसी के लिये विधायक द्वारा धमकी का आरोप काफी गम्भीर मामला है, जिसका उच्चतम न्यायालय द्वारा संज्ञान लिया जाना अति—स्वागत योग्य है.''

उन्होंने कहा कि वह इसके लिये न्यायालय का शुक्रिया अदा करती हैं. इससे पीड़िता को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है. मायावती ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि अभियुक्त बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को सत्ताधारी बीजेपी का लगातार संरक्षण मिल रहा है, यह बात किसी से छिपी नहीं है. यही कारण है कि सीबीआई के पास यह मामला किसी न किसी बहाने लम्बे समय से लम्बित है. अब पीड़िता खुद नये हादसे का शिकार होकर मरणासन्न है.

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ज्ञातव्य है कि उच्चतम न्यायालय ने अपने महासचिव से बुधवार को रिपोर्ट मांगी कि उन्नाव बलात्कार पीड़िता की ओर से प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई को लिखा पत्र उनके सामने क्यों नहीं रखा गया. इस पत्र में पीड़िता ने अपनी जान के खतरे की आशंका जताई थी.

न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा, ‘‘दुर्भाग्यवश, पत्र अभी सामने नहीं आया है और इसके बावजूद समाचार पत्रों ने इसे ऐसे प्रकाशित किया है कि जैसे मैंने इसे पढ़ लिया हो.’’ बाल दुष्कर्म मामलों में न्यायमित्र के तौर पर न्यायालय की सहायता कर रहे वरिष्ठ वकील वी गिरि ने उन्नाव बलात्कार मामले को तत्काल सूचीबद्ध किए जाने की अपील की थी, जिसके बाद न्यायालय ने यह टिप्पणी की.

न्यायालय ने इस पीड़िता के दुर्घटनाग्रस्त होने पर उत्तर प्रदेश के अधिकारियों से बृहस्पतिवार तक स्थिति रिपोर्ट पेश करने को भी कहा. बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर दो वर्ष पहले अपने आवास में युवती से बलात्कार करने का आरोप है. मामले की पीड़िता रविवार को रायबरेली में हुये कार हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गई थी.