इस विधेयक के जरिए केंद्र सरकार उस अध्यादेश को कानून बनाया है, जिसमें दिल्ली में अधिकारियों की पोस्टिंग या ट्रांसफर का आखिरी अधिकार उपराज्यपाल के पास होगा. ऐसे में इस रिपोर्ट में जानते हैं कि दिल्ली सर्विस कानून लागू होने से केजरीवाल के अधिकारों में और क्या-क्या कटौती होगी.
ये कानून एक सिविल सर्विसेज अथॉरिटी बनाता है और उस अथॉरिटी (राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण) को व्यापक शक्तियां देता है. जैसे दिल्ली में कौन वित्त का सेक्रेट्री बनेगा, कौन पीडब्लयूडी का सेक्रेट्री बनेगा. उनका ट्रांसफर कब और कैसे होगा, जैसै कई अहम फैसला अब एलजी करेंगे न की जनता की चुनी हुई सरकार.
Government of India issues gazette notification on Government of National Capital Territory of Delhi (Amendment) Act, 2023. pic.twitter.com/dNcUFQPQOh
— ANI (@ANI) August 12, 2023
दिल्ली सेवा बिल के जरिए राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण की स्थापना करने का प्रावधान है. इसमें मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और प्रधान गृह सचिव शामिल होंगे. यही अथॉरिटी अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए उपराज्यपाल को सुझाव देगा.
इस कानू ने उपराज्यपाल को कई शक्तियां दी गई है. उपराज्यपाल के पास ताकत होगा कि अथॉरिटी के प्रस्ताव के बाद ही विधानसभा सत्र बुलाई जाए, स्थगित और भंग की जाए. इसके अलावा कई मामलों में उपराज्यपाल अपने विवेक का इस्तेमाल करके भी फैसला ले सकते हैं.