BJP और JDU एक बार फिर आमने-सामने, राकेश सिन्हा ने उठाई बिहार में NRC लागू करने की मांग तो केसी त्यागी बोले- इसकी कोई जरूरत नहीं

बिहार में भारतीय जनता पार्टी और जेडीयू एक बार फिर आमने-सामने आ गई हैं. दरअसल, असम के बाद बीजेपी ने बिहार में एनआरसी लागू करने की मांग उठाई है. आरएसएस विचारक और बीजेपी के राज्यसभा सदस्य राकेश सिन्हा ने कहा कि बिहार के सीमावर्ती इलाकों और पश्चिम बंगाल में असम के तर्ज पर एनआरसी की जरूरत है.

राकेश सिन्हा और केसी त्यागी (Photo Credits: Facebook/PTI)

बिहार (Bihar) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जेडीयू एक बार फिर आमने-सामने आ गई हैं. दरअसल, असम के बाद बीजेपी ने बिहार में एनआरसी (NRC) लागू करने की मांग उठाई है. आरएसएस (RSS) विचारक और बीजेपी के राज्यसभा सदस्य राकेश सिन्हा (Rakesh Sinha) ने कहा कि बिहार के सीमावर्ती इलाकों और पश्चिम बंगाल (West Bengal) में असम (Assam) के तर्ज पर एनआरसी की जरूरत है. उन्होंने कहा कि बिहार के सीमावर्ती जिलों में जिस तरह आबादी बढ़ रही है, उससे साबित होता है कि यहां पर बड़ी संख्या में बांग्लादेशी (Bangladeshi) नागरिक आकर बस गए हैं.

राकेश सिन्हा ने कहा कि बिहार के कटिहार, किशनगंज, पूर्णिया और अररिया जिलों में एनआरसी की सख्त जरूरत है. उन्होंने पश्चिम बंगाल में भी एनआरसी लागू करने की मांग उठाई. उधर, जेडीयू के महासचिव केसी त्यागी ने साफ तौर पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एनआरसी का गठन सिर्फ असम के लिए किया था इसलिए इसे बिहार या अन्य राज्यों में फैलाने की जरूरत नहीं है. यह भी पढ़ें- पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने बांग्लादेशी मुस्लिमों को देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बताया खतरा, कहा- राज्य में भी लागू हो NRC.

इससे पहले जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने असम के लिए जारी एनआरसी की सूची के बारे में कहा था कि इसने अपने ही देश में लाखों लोगों को विदेशी बना दिया है. प्रशांत किशोर ने ट्विटर पर लिखा था कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुडे़ जटिल मुद्दों के समाधान को लेकर रणनीति के अभाव और प्रणालीगत चुनौतियों पर ध्यान दिए बिना जब राजनीतिक बयानबाजी तथा ऐसे फैसले किए जाते हैं तो लोगों को ऐसी कीमत चुकानी पड़ती है.

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