BJP विधायक सुरेंद्र सिंह के विवादित बोल,कहा-देश में मुस्लिम जहां भी रहते हैं वहां भारत की स्थिति दुर्बल है
BJP विधायक सुरेंद्र सिंह (Photo Credits-ANI Twitter)

नई दिल्ली. अपने विवादित बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले यूपी के बलिया से बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह (BJP MLA Surendra Singh) ने एक बार फिर ऐसा बयान दिया है जिससे राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गयी है. बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह (Surendra Singh) ने मुस्लिम समुदाय को लेकर विवादित बयान दिया है. विधायक सुरेंद्र सिंह (Surendra Singh) ने कहा कि देश सबल वहीं पर है जहां पर हिंदूवादी सोच के लोग ज्यादा हैं. जहां भी मुस्लिम और ईसाई सोच के लोग अधिक हैं, वहां पर भारत के सिद्धांत और भारत की संस्कृति दुर्बल है. सुरेंद्र सिंह (Surendra Singh) ने कहा-इस देश में भारत और भारतीयता पर विश्वास करने वाले लोग कम हैं.

सुरेंद्र सिंह (Surendra Singh) यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि मोदी जी और योगी जी ने अवतार के रूप में भगवान ने भेज दिया है. मैं तो कह रहा हूं बार-बार. मान लीजिए देश के कायाकल्प के लिए, हिंदुस्तान को हिदुत्व की विचारधारा से रंगीन बनाए रखने के लिए, भगवान ने योगी जी और मोदी जी को भेज दिया है. यह भी पढ़े-बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने मुस्लिमों को लेकर फिर दिया विवादित बयान, कहा- 50 पत्नियां रखना और 1050 बच्चों को जन्म देना परंपरा नहीं

वही बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह (BJP MLA Surendra Singh) ने एसपी सांसद आजम खान (SP MP Azam Khan) पर भी हमला बोला है. उन्होंने जौहर यूनिवर्सिटी के मुद्दे पर कहा कि यूनिवर्सिटी में देश विरोधी शिक्षा दी जाती है. इस लिए इसे जौहर नहीं जहर या हलाहल यूनिवर्सिटी कहना चाहिए. आजम ने विश्वविद्यालय के नाम पर गरीबों की जमीन पचा ली गई थी, लेकिन योगी जी के शासन में आजम खान (Azam Khan) का हाजमा ठीक कर दिया जाएगा. यह भी पढ़े-यूपी: बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह के बिगड़े बोल, डॉक्टरों को बताया शैतान और पत्रकारों को कहा दलाल

गौरतलब है कि इससे पहले 15 जुलाई को बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह (BJP MLA Surendra Singh) ने जिला अस्पताल में नि:शुल्क सीटी स्कैन के उद्घाटन कार्यक्रम में पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने बरेली से बीजेपी विधायक की बेटी साक्षी को लेकर कहा था कि यह निर्णय काम वासना से वशीभूत होकर लिया गया निर्णय है, जिसको कहीं से भी अच्छा नहीं कहा जा सकता है. साक्षी का निर्णय गलत है, जिसके पश्चाताप भविष्य में साक्षी को करना पड़ेगा.